बिहार की पहचान पर अमीरों का सुपरफूड.. मिथिला का मखाना जो खाते ही मन को भाए

मिथिला क्षेत्र में उगाया जाने वाला मखाना अब सुपरफूड बनकर उभर रहा है. खासकर दरभंगा, मधुबनी और पूर्णिया में इसकी बड़े स्तर पर खेती होती है. मखाना सांस्कृतिक रूप से मिथिला की पहचान है और अब इसका निर्यात कई देशों में हो रहा है.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 10 Jun, 2025 | 10:53 PM

दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों में अमीर लोगों के बीच मखाना तेजी से सुपरफूड की जगह ले रहा है. इसकी कीमत काजू, अखरोट और बादाम से भी ज्यादा है. लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इसकी खेती और उत्पादन बिहार के मिथिला क्षेत्र में होता है. यही वजह कि मिथिला की पहचान मखाने से होती है और इसके ऊपर कई कहावतें भी बन गई हैं. जिसमें सबसे मशहूर कहावत है ‘पग-पग पोखरि, माछ-मखान’ जिसका मतलब है कदम-कदम पर तालाब, मछली और मखाना ही मिथिला की संस्कृति, पहचान और शान है.

मिथिला क्षेत्र बहुत बड़ा है. इस क्षेत्र के रहने वाले लोग मैथली बोलते हैं. ऐसे दरभंगा, मधेपुरा, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और बेगूसराय के कुछ हिस्सों में लोग मैथली बोलते और समझते हैं. लेकिन असली मिथिला दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और सीतामढ़ी को माना जाता है. मिथिला की असली संस्कृति इन चार जिलों में नहीं देखने को मिलती है. खास कर इन्हीं चारो जिलों में ‘पग-पग पोखरि, माछ-मखान’ कहावत ज्यादा प्रचलित है. इन जिलों के अधिकांश गांवों में लोगों के पास तालाब है और लोग उसमें मखाना की खेती करते हैं.

मिथिला में मखाना का खास महत्व

ऐसे तो पूरे बिहार में लोग पर्व-त्योहार पर ड्राई फ्रूट के साथ-साथ प्रसाद के रूप में भी मखाना का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मिथिला की बात ही अलग है. यहां पर मखाने की खीर भी बनाई जाती है. लोगों को मखाना की माला पहनाकर स्वागत किया जाता है. इसके अलावा मखाना मिथिला की शादियों में खास महत्व रखता है. यह सिर्फ खाने की चीज नहीं, बल्कि शुभता और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है. शादी के रीति-रिवाजों में मखाना का इस्तेमाल जोड़े को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देने के लिए किया जाता है, जो इसकी सांस्कृतिक अहमियत को दिखाता है. लोग शगुन के तौर पर भी एक-दूसरे को मखाना देते हैं.

बिहार में मखाना का उत्पादन

मखाना की खेती पूरे बिहार में नहीं होती, बल्कि इसे सिर्फ उत्तर और पूर्वी बिहार के कुछ जिलों में उगाया जाता है. खासकर कटिहार, मधुबनी, दरभंगा, पूर्णिया, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, सीतामढ़ी और किशनगंज में किसान बड़े स्तर पर मखाना की खेती की करते हैं. ऐसे बिहार देश के मखाना उत्पादन का 85 प्रतिशत हिस्सा पैदा करता है. जबिक, यहां पर किसान 27.8 हजार हेक्टेयर में मखाना की खेती करते हैं. साल 2023-24 में बिहार में मखाना का उत्पादन 56.4 हजार टन रहा.

इन देशों में होता है मखाना निर्यात

हालांकि, असम और पश्चिम बंगाल में भी मखाना की खेती होती है, लेकिन मिथिला में उगाए जाने वाले मखाना की बात ही अलग है. यही वजह है कि साल 2022 में मखाना को मिथिला मखाना के नाम से जीआई टैग मिला. उसके बाद इसका निर्यात बढ़ गया. वर्तामान में ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, अमेरिका, कनाडा, नेपाल, मालदीव और जापान सहित कई देश मिथिला माखाना के बड़े खरीदार हैं. यानी बिहार से इन देशों में मखाना का निर्यात होता है.

18वीं शताब्दी में शुरू हुई मखाना की खेती

ऐसे बिहार में मखाना की खेती 18वीं शताब्दी में शुरू हुई. तब यह विशेष रूप से मधुबनी और दरभंगा जिले में उगाया जाता था. राजा दरभंगा के शासन में यह पूरे देश में लोकप्रियता पाई. फिलहाल, शहरों में लोग वजन घटाने के लिए मखाने का सेवन कर रहे हैं. इसका सेवन करने से स्वास्थ्य बेहतर रहता है. साथ हीडायबिटीज को नियंत्रित करने में भी यह सहायक है. इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम प्रचूर मात्रा में पाया जाता है.

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025 पेश करते हुए बिहार में मखाना बोर्ड गठन करने का ऐलान किया था. ताकि बिहार के मखाना की सप्लाई पूरे विश्व में किया जा सके. इसके लिए अलग से बजट भी अलॉट कर दिया गया है.

मखाना उत्पादन और रकबा

  • साल 2012-13 में बिहार में 9,360 टन मखाना का उत्पादन हुआ जो 2021-22 में बढ़कर 23,656 टन हो गया.
  • साल 2012-13 में मखाना का रकबा 13,000 हेक्टेयर था, जो 2021-22 में बढ़कर 35,224 हेक्टेयर हो गया.
  • मधुबनी और दरभंगा मिथिला में 70 फीसदी मखाना उत्पादन होता है.
  • बिहार 85 फीसदी मखाने अकेले उत्पादन करता है.
  • भारत को मखाने के निर्यात से हर साल लगभग 200 से 250 करोड़ रुपये की आमदनी होती है.
  • साल 2022 में मखाना को जीआई टैक मिला

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 10 Jun, 2025 | 07:19 PM

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?

Side Banner

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?