Pig Farming: पुशपालकों के लिए घातक हो सकता बीमार सूअर! ये 7 लक्षण न करें नजरअंदाज

अगर समय रहते सूअर की बीमारी को नहीं पहचाना गया तो पूरा फार्म भारी नुकसान में जा सकता है. ध्यान दें कि एक बीमार सूअर पूरे फार्म के लिए आर्थिक संकट बन सकता है.

नोएडा | Updated On: 28 Jun, 2025 | 01:37 PM

सूअर पालन भले ही कमाई का अच्छा जरिया हो, लेकिन जब तक जानवर स्वस्थ हैं तभी तक मुनाफा मिलता है. अगर एक भी सूअर बीमारी की चपेट में आ जाए और समय पर इलाज न हो तो संक्रमण फैल सकता है और पूरा फार्म नुकसान में चला जाता है. इसलिए पशुपालकों को चाहिए कि वे इन 7 लक्षणों को गंभीरता से लें और समय रहते इलाज कराएं.

1. भूख में कमी और पानी में रुचि नहीं

अगर सूअर खाना नहीं खा रहा या पानी-चारा में रुचि नहीं दिखा रहा है तो यह बीमारी का पहला संकेत हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब कोई सूअर पहले से ठीक खा रहा था और अचानक उसकी भूख गायब हो जाए तो तुरंत सतर्क हो जाएं.

2. तेज सांस और बुखार

तेजी से सांस लेना सूअर में बुखार का संकेत हो सकता है. यह संक्रमण या अंदरूनी बीमारी का लक्षण है. ऐसे में सूअर को अलग रखें और तुरंत पशु चिकित्सक से जांच कराएं.

3. त्वचा लाल होना और दस्त

सफेद त्वचा वाले सूअरों की त्वचा अगर लाल पड़ने लगे या उनमें खून युक्त दस्त आने लगे तो यह बड़ी बीमारी का इशारा है. खासकर जब यह लक्षण एक से ज्यादा जानवरों में दिखने लगें तो फार्म के सभी सूअरों की जांच करानी चाहिए.

4. खून वाला या गाढ़ा दस्त

अगर सूअर को बार-बार दस्त हो और उसमें खून या अजीब गंध आ रही हो तो यह पेट से जुड़ी गंभीर बीमारी का इशारा हो सकता है.

5. कान झुके हुए और आंखें सुस्त

बीमार सूअर अक्सर सिर नीचे करके चलते हैं, उनके कान लटकने लगते हैं और आंखें थकी हुई लगती हैं. ये संकेत बताते हैं कि सूअर सामान्य स्थिति में नहीं है.

6. बाल झड़ना और त्वचा बेजान होना

अगर सूअर के बाल तेजी से झड़ने लगें या उसकी त्वचा बेजान हो जाए तो यह पोषण की कमी या किसी बीमारी का संकेत है.

7. झुंड से अलग हो जाना

अगर कोई सूअर बाकी जानवरों से अलग रहने लगे, खुद को कोने में छुपा ले या ज्यादा नहीं चले-फिरे तो समझिए वह तनाव में है या बीमार हो सकता है.

इससे बचने के उपाय

सबसे पहले बीमार सूअर को तुरंत अन्य सूअरों से अलग करें. इसके बाद साफ-सफाई का खास ध्यान रखें और दवा देने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर करें. ध्यान दें कि नियमित रूप से टीकाकरण और पोषण युक्त आहार देने से सूअरों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और बीमारी का खतरा कम होता है.

Published: 28 Jun, 2025 | 01:37 PM