Wheat production: वैश्विक स्तर पर गेहूं की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है, क्योंकि इस बार गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 8150 लाख टन के पर पहुंचने की संभावना है. खासकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय यूनियन, कनाडा, रूस, यूक्रेन और कजाकिस्तान जैसे देशों में इस बार अच्छी फसल का अनुमान है. इसी बीच भारत में भी किसान इस महीने से रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई शुरू करने जा रहे हैं.
फिच सॉल्यूशंस की यूनिट BMI का कहना है कि 2025 के लिए गेहूं की कीमत का अनुमान घटाकर 5.68 डॉलर से 5.46 डॉलर प्रति बुशेल कर दिया गया है. यह फैसला प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में बेहतर फसल की उम्मीदों के चलते लिया गया है. 22 सितंबर को ICE पर सॉफ्ट रेड विंटर गेहूं का दाम 5.295 डॉलर रहा, जो साल दर साल करीब 11.9 फीसदी कम है. BMI ने यह भी कहा कि अगस्त का औसत मासिक दाम 5.298 डॉलर रहा, जो जुलाई से 4.5 फीसदी कम है और सितंबर 2024 के बाद सबसे निचला स्तर है.
कितने देशों में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद
USDA (अमेरिकी कृषि विभाग) का कहना है कि 2025-26 में वैश्विक गेहूं उत्पादन 8160 लाख टन से अधिक तक पहुंच सकता है. खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया में अच्छी पैदावार और ज्यादा रकबे के कारण उत्पादन बढ़ने का अनुमान है. यूरोपीय यूनियन (EU) में इस बार गेहूं का उत्पादन पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा रहने का अनुमान है. यह बढ़ोतरी नए सरकारी आंकड़ों की वजह से है. खासकर जर्मनी, रोमानिया और बुल्गारिया में बेहतर पैदावार की उम्मीद है. वहीं, रूस में भी इस बार सर्दियों और गर्मियों दोनों तरह के गेहूं का उत्पादन बढ़ने का अनुमान है. वहीं, कनाडा, कजाकिस्तान और यूक्रेन में भी इस सीजन पैदावार अच्छी रहने की उम्मीद है, जबकि अर्जेंटीना में फसल थोड़ी कमजोर हो सकती है.
BMI की रिपोर्ट के मुताबिक, 16 सितंबर को निवेशकों की नेट शॉर्ट पोजिशन 85,825 रही, जो साल 2025 की औसत 87,591 से थोड़ी कम है. यानी निवेशक अभी भी मान रहे हैं कि कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ेंगी. लेकिन BMI ने यह भी चेतावनी दी कि बाजार में लगातार शॉर्ट पोजिशन बने रहने से कभी भी शॉर्ट कवरिंग हो सकती है, जिससे कीमतों में थोकी तेजी (Short-Term Spike) आ सकती है.
अनाज भंडारण में भी होगी बढ़ोतरी
दुनियाभर में अनाज की खपत (उपयोग) भी इस साल एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है. इंटरनेशनल ग्रेन्स काउंसिल (IGC) के अनुसार, कुल खपत 500 लाख टन बढ़कर 2,3950 लाख टन हो सकती है. इसमें खाने, चारे और औद्योगिक उपयोग के लिए मांग शामिल है. दुनियाभर में अनाज का भंडार (स्टॉक) करीब 170 लाख टन बढ़कर 6060 लाखन टन हो सकता है. वैश्विक व्यापार (ट्रेड) भी बढ़कर 4380 लाख टन पहुंचने का अनुमान है, जो सालाना आधार पर 150 लाख टन ज्यादा है और अब तक का दूसरा सबसे ऊंचा स्तर हो सकता है.
खपत सिर्फ 8100 लाख टन रहेगी
ब्लैक सी मार्केट्स पर रिसर्च करने वाली संस्था SovEcon के आंद्रेई सिजोव के अनुसार, अमेरिका के CBOT और यूरोप के मैटीफ (Matif) एक्सचेंज में दिसंबर वायदा गेहूं की कीमतें रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई हैं. रिसर्च एजेंसी BMI का कहना है कि हाल के महीनों में गेहूं की कीमतों पर जो दबाव बना है, उसका मुख्य कारण अच्छी फसल की उम्मीद और आपूर्ति बढ़ना है. उन्होंने बताया कि उत्पादन 8150 लाख टन से ज्यादा हो सकता है, लेकिन खपत सिर्फ 8100 लाख टन रहेगी. यानी बाजार में अतिरिक्त स्टॉक (सरप्लस) रहेगा, जिससे कीमतें कम बनी रहेंगी.