भारत में चावल और गेहूं का भंडार अब रिकॉर्ड स्तर पर, लेकिन आने वाला सीजन बन सकता है बड़ी चुनौती

चावल और गेहूं का यह विशाल भंडार देश के खाद्य सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत बनाता है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की स्थिति को और मजबूती देता है. अब अगले महीने नए सीजन की धान की फसल आने वाली है, जो सरकारी एजेंसियों के लिए स्टोरेज की नई चुनौती पेश कर सकती है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 18 Sep, 2025 | 08:57 AM

Record Grain Storage India: सरकारी गोदामों में चावल और गेहूं का भंडार पिछले साल की तुलना में ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है. नए आंकड़ों के अनुसार, चावल का भंडार 14 फीसदी बढ़कर 48.2 मिलियन टन हो गया है, जबकि गेहूं का स्टॉक 33.3 मिलियन टन तक पहुंच चुका है. यह आंकड़े न केवल सरकार के तय किए गए लक्ष्यों से काफी ऊपर हैं, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और निर्यात दोनों के लिए अच्छे संकेत देते हैं.

चावल का भंडार और निर्यात

बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार, चावल के इस बड़े भंडार से भारत अपने निर्यात को और बढ़ा सकता है. भारत विश्व के कुल चावल निर्यात का लगभग 40 फीसदी हिस्सा देता है. मार्च 2025 में सरकार ने चावल पर सभी निर्यात प्रतिबंध हटा दिए थे. चावल निर्यातकों का अनुमान है कि इस साल भारत से लगभग 22.5 मिलियन टन चावल निर्यात हो सकता है, जो पिछले साल की तुलना में 25 फीसदी अधिक है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 सितंबर 2025 तक सरकारी भंडार में अनमिल्ड धान सहित चावल का कुल भंडार 48.2 मिलियन टन था, जबकि जुलाई में निर्धारित लक्ष्य केवल 13.5 मिलियन टन था. इस विशाल भंडार के कारण नए सीजन की धान की फसल के आने पर गोदामों में जगह की चुनौती सामने आ सकती है.

गेहूं का भंडार और कीमतों पर असर

गेहूं का भंडार भी अब चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. 1 सितंबर तक गेहूं का स्टॉक 33.3 मिलियन टन था, जबकि सरकारी लक्ष्य 27.6 मिलियन टन था. पिछले कुछ सालों में कम गेहूं भंडार सरकार के लिए चिंता का विषय रहा, लेकिन इस साल पर्याप्त स्टॉक होने से सरकार त्योहारी सीजन में बाजार में गेहूं रिलीज करके कीमतों को नियंत्रित कर सकती है.

मुंबई के एक व्यापारी के अनुसार, अक्टूबर में दशहरा और दीवाली के त्योहारों के दौरान गेहूं की मांग बहुत बढ़ जाती है. पर्याप्त स्टॉक होने से सरकार महंगाई पर काबू पा सकती है और जरूरतमंदों तक अनाज पहुंचा सकती है.

आगामी फसल और भंडारण की चुनौती

अगले महीने नए सीजन की धान की फसल आने वाली है, जो सरकारी एजेंसियों के लिए स्टोरेज की नई चुनौती पेश कर सकती है. पिछले साल की रिकॉर्ड फसल और पर्याप्त भंडार के कारण भारत न केवल घरेलू जरूरतें पूरा कर सकता है, बल्कि निर्यात को भी बढ़ावा दे सकता है.

विशेषज्ञों का मानना है कि चावल और गेहूं का यह विशाल भंडार देश के खाद्य सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत बनाता है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की स्थिति को और मजबूती देता है.

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