त्योहारी सीजन शुरू होने के साथ ही केंद्र सरकार ने गेहूं की जमाखोरी रोकने के लिए स्टॉक लिमिट कम कर दी है. सरकार ने मंगलवार को पूरे देश में गेहूं की स्टॉक लिमिट को 31 मार्च तक के लिए नए सिरे से तय की है. यह फैसला बढ़ती कीमतों और बाजार में अनिश्चितता को देखते हुए लिया गया है, ताकि जमाखोरी पर लगाम लगाई जा सके. उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत नई लिमिट जारी की है. इसके अनुसार, व्यापारी और थोक विक्रेता अब अधिकतम 2000 टन गेहूं ही स्टोर कर सकते हैं. जबकि, खुदरा विक्रेता हर दुकान पर अधिकतम 8 टन गेहूं रख सकते हैं.
सरकार ने बड़े रिटेल चेन के लिए नियम तय किया है. अब हर आउटलेट पर अधिकतम 8 टन गेहूं स्टोर कर सकते हैं. लेकिन कुल स्टॉक की सीमा उनके आउटलेट्स की संख्या के हिसाब से तय होगी. वहीं, प्रोसेसर्स के लिए भी स्टॉक लिमिट तय की गई है. उनकी मासिक इंस्टॉल्ड क्षमता का 60 फीसदी, जिसे वित्तीय वर्ष के बचे हुए महीनों से गुणा किया जाएगा. खास बात यह है कि ये सभी स्टॉक लिमिट तुरंत प्रभाव से देशभर के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू हो गई हैं.
स्टॉक लिमिट पालन करने के सख्त निर्देश
वहीं, सभी संबंधित व्यापारियों, प्रोसेसर्स और रिटेलर्स को अब हर हफ्ते सरकार के पोर्टल पर अपना गेहूं स्टॉक घोषित करना अनिवार्य है. जिनके पास लिमिट से ज्यादा स्टॉक है, उन्हें 15 दिनों के अंदर उसे तय सीमा में लाना होगा. अगर कोई संस्था पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं होती या स्टॉक लिमिट का उल्लंघन करती है, तो उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इन लिमिट्स का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेंगे, ताकि बाजार में आर्टिफिशियल कमी न पैदा हो.
1175 लाख टन गेहूं की पैदावार हुई
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 फसल वर्ष में देश में 1175 लाख टन गेहूं की पैदावार हुई है. इसमें से केंद्र सरकार ने रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 के दौरान राज्य एजेंसियों और भारतीय खाद्य निगम (FCI) के जरिए 300 लाख टन गेहूं की खरीद की है. पिछले साल देश में 1132.9 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था और तब सरकार ने 266 लाख टन गेहूं की खरीदारी की थी. पहले की तुलना में अब स्टॉक लिमिट और सख्त कर दी गई है. सरकार ने 27 मई को गेहूं की जमाखोरी रोकने के लिए 31 मार्च तक स्टॉक लिमिट लागू की थी. लेकिन अब जो नई लिमिट आई है, वो पहले से काफी सख्त है.
पहले कितनी थी स्टॉक लिमिट
पुरानी लिमिट (27 मई की) के अनुसार, व्यापारी और थोक विक्रेता अधिकतम 3,000 टन गेहूं स्टोर कर सकते थे. जबकि, खुदरा विक्रेता हर दुकान पर 10 टन गेहूं रखने की अनुमति थी. वहीं, बड़े रिटेल चेन हर आउटलेट पर 10 टन तक गेहूं स्टोर कर सकते थे, लेकिन कुल स्टॉक पर सीमा थी. इसी तरह प्रोसेसर्स मासिक इंस्टॉल्ड क्षमता का 70 फीसदी, गुणा बचे हुए महीनों से यह उनकी स्टॉक लिमिट थी. अब इन सभी लिमिट्स को और घटा दिया गया है, ताकि बाजार में जमाखोरी और कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी को रोका जा सके.