केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली में सरस आजीविका फूड फेस्टिवल का शुभारंभ करेंगे. यह कार्यक्रम 1 दिसंबर से शुरू होकर 9 दिसंबर तक चलेगा. सरस आजीविका फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के 500 से अधिक स्वादिष्ट व्यंजनों का लोग लुत्फ उठा सकेंगे. कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाएं अपने फूड स्टॉल्स लगाएंगी और एफपीओ के जरिए किसानों के खरीदे गए कृषि उत्पादों का भी प्रदर्शन किया जाएगा.
केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान कल 1 दिसंबर को नई दिल्ली में सुंदर नर्सरी, भारत स्काउट्स एंड गाइड्स मार्ग, निजामुद्दीन, हुमायूं के मकबरे के पास केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से आयोजित सरस आजीविका फूड फेस्टिवल का शुभारंभ करेंगे. इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री चन्द्रशेखर पेम्मासानी और केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान भी उपस्थित रहेंगे.
25 राज्यों की 300 से ज्यादा लखपति दीदियां हिस्सा लेंगी
इस फूड फेस्टिवल में राजधानी दिल्ली सहित आसपास के लोगों को एक बार फिर भारतीय संस्कृति व खान-पान की झलक दिखाई देगी. सरस फूड फेस्टिवल में 62 स्टॉलों पर 25 राज्यों की 300 से ज्यादा लखपति दीदियों सहित स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं भाग ले रही है. 9 दिसंबर तक चलने वाला सरस फूड फेस्टिवल सुबह 11.30 से रात्रि 9.30 तक सभी के लिए खुला रहेगा.
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हरियाणा समेत कई राज्यों की महिलाएं हिस्सा ले रहीं
सरस फूड फेस्टिवल महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण है. इसका उद्देश्य न केवल देश की खाद्य संस्कृति से लोगों को परिचित कराना है, बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं को प्रेरित करना भी है. इसमें हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, असम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और गुजरात सहित अन्य राज्य भी हिस्सा ले रहे हैं. फेस्टिवल के माध्यम से लोग विभिन्न राज्यों के सामाजिक ताने-बाने के बारे में भी जान सकेंगे.
कुल्चे, बिरयानी, मक्का-साग, फिश करी समेत कई व्यंजन बढ़ाएंगे स्वाद
व्यंजनों में मुख्य रूप से हिमाचली सीडडू, उत्तराखंड का तंदूर चाय, जम्मू कश्मीर का मशहूर कलारी कुल्चे, हैदराबादी दम बिरयानी, नॉर्थ ईस्टर्न मोमो, बंगाली फ्राइड मछली समेत राजस्थान की कैर सागरी, गट्टे की सब्ज़ी, बाजरे की रोटी, बंगाल की हिलसा, फ़िश करी, तेलंगाना का चिकन, केरल की मालाबार बिरयानी, बिहार का लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग और मक्के की रोटी सहित अन्य राज्यों के बेहतरीन स्वादिष्ट पकवान उपलब्ध रहेंगे.
परंपरागत पकवान पेश किए जाएंगे
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के महत्वपूर्ण कार्यक्रम राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित देशभर के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने न केवल ग्रामीण उत्पाद बनाने में कुशलता हासिल है, बल्कि विभिन्न राज्यों के परंपरागत पकवान बनाने में उन्हें महारथ हासिल है. कार्यक्रम के जरिए ग्रामीण क्षेत्र के पकवानों और ग्रामीण महिलाओं की कला का प्रदर्शन भी होगा.