मुनाफा तगड़ा, लेकिन खतरा भी बड़ा! बड़े स्तर पर भेड़-बकरी पालन से जुड़ी जान लें सच्चाई

भेड़ और बकरी पालन छोटे स्तर पर तो आसान और फायदेमंद हो सकता है, लेकिन बड़े स्तर पर इसे संभालना चुनौतीपूर्ण हो जाता है. भेड़-बकरी पालन में मुनाफा अच्छा है, लेकिन जोखिम भी कम नहीं.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 26 Jun, 2025 | 08:15 PM

अगर आप पशुपालन से कमाई करने का सपना देख रहे हैं और सोचते हैं कि भेड़-बकरी पालन शुरू किया जाए तो रुकिए! ये काम सुनने में जितना आसान लगता है, हकीकत में उतना है नहीं. खासतौर पर तब, जब आप इसे बड़े स्तर पर करना चाहते हैं. भले ही छोटे पैमाने पर भेड़ और बकरियों को एक साथ पालना फायदेमंद हो, लेकिन जब बात व्यावसायिक पैमाने की आती है तो मामला थोड़ा पेचीदा हो जाता है.

छोटे स्तर पर क्यों है फायदेमंद

भेड़ और बकरियों को एक साथ पालना छोटे किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. भेड़ें घास खाना पसंद करती हैं और बकरियां झाड़ियों, चौड़ी पत्तियों और झाड़ीनुमा पौधों को. इस वजह से दोनों एक ही चारागाह में रह सकती हैं और अपने-अपने तरीके से चारा खाकर तालमेल बना सकती हैं. इससे किसान को दो अलग-अलग तरह के पशु उत्पाद मिलते हैं, भेड़ से ऊन और बकरी से दूध या मांस, जो ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी आमदनी दे सकता है.

बड़े स्तर पर क्यों आती हैं दिक्कतें

जब आप भेड़-बकरी पालन को व्यावसायिक स्तर पर ले जाना चाहते हैं तो सबसे बड़ी चुनौती आती है चारागाह प्रबंधन की. दोनों प्रजातियों की खुराक अलग होने के कारण बड़े चारागाहों की योजना बनाना मुश्किल होता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर एक ही तरह का चारा रखा गया तो या तो भेड़ें भूखी रहेंगी या बकरियां. इसके अलावा, बड़े स्तर पर रोग नियंत्रण, प्रजनन प्रबंधन और शेड की सफाई व व्यवस्था जैसे कई तकनीकी पहलुओं पर अतिरिक्त लागत और मेहनत लगती है.

बड़े स्तर पर भेड़- बकरी पालन के समाधान

अगर आप बड़े स्तर पर इस काम को शुरू करना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप दोनों प्रजातियों के लिए अलग-अलग चारा क्षेत्र बनाएं या चरणबद्ध तरीके से उन्हें चराएं. इसके लिए वैज्ञानिक सलाह लें, चारागाह योजना बनाएं और पशु चिकित्सकों से समय-समय पर चेकअप करवाते रहें. बकरी और भेड़ पालन के लिए अलग-अलग शेड भी बनाएं, ताकि बीमारियां एक-दूसरे में न फैलें. साथ ही, नस्ल चयन में भी सतर्क रहें. ध्यान दें कि अच्छी नस्ल चुनने से उत्पादकता बेहतर होती है.

मुनाफे के साथ-साथ जोखिम भी

बड़े स्तर पर भेड़-बकरी पालन में मुनाफा तो है, लेकिन जोखिम भी उतना ही बड़ा है. बाजार की मांग, मौसम का असर, चारे की उपलब्धता और बीमारियों पर नियंत्रण ये सभी बातें आपके प्रोजेक्ट की सफलता या असफलता तय करती हैं. इसलिए किसी भी फैसले से पहले योजना बनाएं, लागत और कमाई का संतुलन समझें और फिर शुरुआत करें.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 26 Jun, 2025 | 08:15 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%