बारिश में बिगड़ सकती है भेड़ों की तबीयत, पेट के कीड़ों और दस्त से बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय

जुलाई की बारिश में नमी और गंदगी बढ़ने से भेड़ों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. ऐसे में सावधानी और नियमित देखभाल से ही बारिश के मौसम में भेड़ों को स्वस्थ और सुरक्षित रखा जा सकता है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 21 Jul, 2025 | 02:32 PM

जुलाई की बारिश खेतों और जंगलों में हरियाली जरूर लाती है, लेकिन भेड़ पालन करने वालों के लिए यह समय चुनौती भरा हो जाता है. क्योंकि नमी, गंदगी और गीले माहौल में भेड़ों की सेहत तेजी से बिगड़ सकती है. खासकर उनके पेट में कीड़े पड़ने और दस्त जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. अगर समय पर इलाज और देखभाल न की जाए तो जानवर कमजोर हो जाते हैं और उनकी जान को भी खतरा हो सकता है. इसलिए बरसात में सतर्क रहना बहुत जरूरी है.

आंतों की सूजन और दस्त का खतरा

बारिश के समय भेड़ों में एक आम बीमारी होती है एनटेरोटाक्सीमिया. इस बीमारी के होने से भेड़ों की आंतों में सूजन आ जाती है और उन्हें तेज दस्त लग सकते हैं. अगर समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा भी बन सकती है. इससे बचने के लिए पशुपालकों को चाहिए कि वे अपनी भेड़ों को इस बीमारी से बचाने वाला टीका जरूर लगवाएं. इसके लिए आपको भटकना भी नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह टीका सरकारी पशु अस्पतालों या पशु चिकित्सकों के पास बड़े आसानी से मिल सकता है.

पेट के कीड़े बढ़ा सकते हैं समस्या

बारिश के मौसम  में कीचड़ और गंदगी बढ़ने से भेड़ों के पेट में कीड़े होना आम बात है. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये कीड़े धीरे-धीरे भेड़ों के शरीर को कमजोर कर देते हैं, जिससे वे कम चारा खाने लगती हैं और वजन भी घटने लगता है. इतना ही नहीं कई बार इससे खून की कमी, थकावट और दूसरी बीमारियां भी हो जाती हैं. ऐसे में इससे बचने के लिए पशु चिकित्सक की सलाह से हर 2-3 महीने में भेड़ों को कृमिनाशक (कीड़े मारने वाली) दवा जरूर दें.

साफ पानी और पौष्टिक चारे का रखें ध्यान

भेड़ों को हमेशा साफ और ताजा पानी ही पिलाएं. क्योंकि बरसात में कई बार तालाब या हैंडपंप का पानी भी गंदा हो जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए उनके लिए साफ और स्वच्छ पानी की व्यव्था करना बहुत जरूरी होता है. साथ ही, उन्हें संतुलित और पोषण से भरपूर चारा दें, ताकि उनकी रोगों से लड़ने की ताकत बनी रहे.

सूखा और साफ बाड़ा बनाएं रखें

भेड़ों के लिए बाड़ा  हमेशा सूखा और साफ रहना चाहिए. क्योंकि ज्यादा नमी से खुरों में सड़न और त्वचा से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए बरसात में बाड़े में पानी भरने या कीचड़ बनने से बचना चहिए. इसके लिए बाड़े की हर दिन साफ-सफाई करें और ब्लीचिंग पाउडर या चूने का छिड़काव करें.

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