राशन-पानी से लेकर दवा तक, भेड़ पालकों के लिए प्रशासन ने की पूरी तैयारी

राजस्थान के बूंदी जिले में भेड़ पालकों को निष्क्रमण के दौरान पानी, राशन और दवाई जैसी जरूरी सुविधाएं मिलेंगी. इसके लिए प्रशासन ने पलायन के रास्ते और चौकियां भी तय कर ली हैं.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 8 Jun, 2025 | 10:18 AM

राजस्थान के बूंदी जिले में इस साल 1 जुलाई से 31 अक्टूबर तक चलने वाले भेड़ निकालने (चराने के लिए व्यवस्था) की तैयारी शुरू हो गई है. हाल में ही, कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा ने समीक्षा बैठक ली. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए ताकि भेड़ पालकों को कोई परेशानी न हो. उन्होंने चेक पोस्ट पर टीका और दवा उपलब्ध कराने, बच्चों की पढ़ाई का इंतजाम करने और राशन, पानी व सुरक्षा की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए.

चेक पोस्ट पर टीका और दवा उपलब्ध

कलेक्टर ने कहा कि निष्क्रमण के दौरान रास्तों पर चेक पोस्ट बनाई जाएंगी, जहां भेड़ पालकों को मदद मिलेगी. इतना ही नहीं, भेड़ों की सेहत के लिए टीके और दवाइयां पहले से उपलब्ध कराई जाएंगी. साथ ही, अस्थायी टेंट और शेड की व्यवस्था भी होगी, ताकि भेड़ पालकों को रात में ठहरने की सुविधा मिल सके.

भेड़ पालकों के बच्चों की पढ़ाई का इंतजाम

कलेक्टर ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि भेड़ पालकों के बच्चों के लिए पढ़ाई की व्यवस्था की जाए. इसके लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी और बच्चों को मुफ्त में किताबें भी दी जाएंगी. वहीं, चिकित्सा विभाग को भेड़ पालकों के परिवारों के इलाज की सुविधा देने को कहा गया है.

राशन, पानी और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था

पेयजल की व्यवस्था के लिए टैंकर लगाए जाएंगे. रसद विभाग की जिम्मेदारी होगी कि वह भेड़ पालकों को राशन दे. सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस अस्थायी चौकियां बनाएगी और संवेदनशील इलाकों की पहचान की जाएगी. पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. रामलाल मीणा ने बताया कि इस बार 14 चेक पोस्ट बनाई गई हैं, जिनमें 5 स्थायी और 9 अस्थायी होंगी. सभी पर कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं. 1 जुलाई से बूंदी के पशु चिकित्सालय में नियंत्रण कक्ष भी शुरू किया जाएगा.

चराने के लिए भेड़ निकालने के लिए तीन मुख्य रास्ते तय

  • पहला रास्ता- मध्य प्रदेश और चित्तौड़गढ़ से शुरू होकर बेंगू, जोगणिया माता, बिजौलिया, लाम्बाखोह, धनेश्वर, डाबी होते हुए कोटा तक जाएगा.
  • दूसरा रास्ता- हरियाणा और पंजाब से जयपुर, टोंक, देवली, हिण्डोली होकर भीलवाड़ा तक जाएगा.
  • तीसरा रास्ता- सवाई माधोपुर से होते हुए टोंक, बूंदी, नैनवां, हिण्डोली होकर बिजौलिया (भीलवाड़ा) तक जाएगा.

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Published: 8 Jun, 2025 | 10:18 AM

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