बिना किसी खर्च के 40 हजार तक का पशु बीमा, गांव-गांव तक पहुंचेगी सरकार की नई योजना

राजस्थान सरकार ने पशुपालकों के लिए बिना प्रीमियम वाली मुफ्त बीमा योजना शुरू की है. जिसके तहत सरकार पशुपालकों को आर्थिक सहायता भी दे रही है.

नोएडा | Published: 5 Jun, 2025 | 08:25 PM

राजस्थान सरकार ने पशुपालकों के लिए मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू की है, जिसके तहत उनके दुधारू पशुओं और अन्य पशुओं का आकस्मिक निधन होने पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. इस योजना में पशुपालकों को बिना किसी प्रीमियम के पशु बीमा सुविधा दी जाएगी, जिससे वे आर्थिक संकट से बच सकें. राज्य के ग्रामीण और दूर-दराज इलाकों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने व्यापक तैयारी की है.

बीमित पशुओं को नहीं मिलेगा योजना का लाभ

मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना का लाभ राज्य के उन सभी जनआधार धारक पशुपालकों को मिलेगा जो गोपालक क्रेडिट कार्ड के धारक हैं, साथ ही ‘लखपति दीदी’ योजना के तहत आने वाले पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके अलावा, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 16 प्रतिशत और 12 प्रतिशत का आरक्षण भी सुनिश्चित किया गया है. बीमा का दायरा गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और ऊंट तक सीमित है. लेकिन यह बीमा केवल उन पशुओं पर लागू होगा जो पहले किसी अन्य योजना के तहत बीमित नहीं हैं. बीमा अवधि एक वर्ष की होगी और पशुपालकों से किसी भी प्रकार का प्रीमियम वसूला नहीं जाएगा.

नस्ल, उम्र और उत्पादन के आधार पर बीमा

बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र और उत्पादन क्षमता के आधार पर किया जाएगा. लेकिन अधिकतम सीमा 40 हजार रुपए निर्धारित की गई है. इससे पशुपालकों को पशु के आकस्मिक नुकसान पर आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, जो उनके रोजमर्रा के जीवन और आय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस आर्थिक सहायता से पशुपालक अपनी आर्थिक स्थिति को स्थिर रख सकेंगे और नए पशु खरीदने या अन्य आवश्यकताओं में मदद मिलेगी.

योजना का क्रियान्वयन और लाभार्थी संख्या

पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने सचिवालय में समीक्षा बैठक के दौरान बताया कि इस योजना का पंजीकरण इस माह शुरू हो रहा है. बजट 2025-26 में घोषित इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य में लगभग 42 लाख गाय, भैंस, बकरी, ऊंट और भेड़ जैसे पशुओं का मुफ्त बीमा किया जाएगा. यह योजना ग्रामीण इलाकों के पशुपालकों की आय सुरक्षा को मजबूत बनाएगी और पशु पालन को बढ़ावा देगी. सरकार की इस पहल से पशुपालकों को आकस्मिक नुकसान का डर कम होगा और वे अपने व्यवसाय में बेहतर निवेश कर सकेंगे.