मई महीने में हुई बेमौसम बारिश से महाराष्ट्र के किसानों को जहां फसल बर्बाद होने से बहुत अधित नुकसान उठाना पड़ा, वहीं तमिलनाडु के उन्नदाता बंपर कमाई कर रहे हैं. खास कर धर्मपुरी जिले के किसानों के लिए मई महीने की बारिश वारदान साबित हुई है. किसानों का कहना है कि इस बार समय से पहले हुई बारिश की वजह से मूली की अच्छी फसल हुई, जिससे वे बंपर कमाई कर रहे हैं. जिले में पिछले एक महीने में करीब 260 मिमी बारिश हुई, जिससे मूली की कीमत 2 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 17 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, धर्मपुरी में करीब 200 एकड़ में मूली की खेती होती है, जो ज्यादातर छोटे किसानों द्वारा की जाती है. इन किसानों के पास सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं होता. मूली की बिक्री स्थानीय बाजारों के साथ-साथ कोयंबटूर, चेन्नई, सलेम, इरोड और अन्य जिलों में निजी मार्केट के ज़रिए होती है.
80 एकड़ में मूली की खेती
वन्नियाकुलम के किसान के. चिन्नासामी ने कहा कि हम जैसे गरीब किसान जिनके पास पानी नहीं होता, वही मूली उगाते हैं. पूरे साल इसकी कीमत 2 से 5 रुपये प्रति किलो ही रहती है. लेकिन इस बार गर्मी में हुई बारिश ने उत्पादन भी बढ़ाया और बाजार में मांग भी बढ़ा दी. अब मूली की कीमत थोक बाजार में 17 रुपये और खुदरा में 24 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है.
वही, करीमंगलम के किसान एस. पेरुमल ने कहा कि पहले यहां करीब 80 एकड़ में मूली की खेती होती थी, लेकिन अब सिर्फ 20 एकड़ में ही हो रही है. पूरे साल कम दाम मिलने से किसान हताश हो चुके हैं, इसलिए वे मूली छोड़कर दूसरे कामों की ओर जा रहे हैं.
मूली की खेती में प्रति एकड़ 15,000 रुपये होते हैं खर्च
कमबैनल्लूर के आर. सिलंबरासन ने कहा कि एक एकड़ में मूली की खेती करने पर 15,000 रुपये से 20,000 रुपये तक खर्च आता है. अगर 5 रुपये प्रति किलो का रेट मिले तभी मुनाफा होता है. मूली साल में चार बार उगाई जा सकती है, लेकिन इतने अच्छे दाम मिलना बहुत मुश्किल होता है. इस बार पूरे राज्य में उत्पादन कम हुआ है और मांग ज्यादा, इसलिए भाव बढ़ा है. लेकिन यह स्थिति कुछ ही हफ्तों में बदल सकती है, इसलिए हम तमिलनाडु सरकार से मांग करते हैं कि मूली किसानों को 5 रुपये प्रति किलो का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जाए.
वहीं, कृषि विपणन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह एक मौसमी उतार-चढ़ाव है, जल्द ही दाम फिर गिर सकते हैं. उलगवार संधाई (किसान बाजार) में रोजाना 2 से 3 टन मूली आती है और इसे 24 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है.