Success Story: कहते हैं कि इंसान अगर अपने शौक को ही अपना करियर बना ले तो उसे आगे बढ़ने से कोई ताकत नहीं रोक सकती. ऐसी ही कुछ आज कू हमारी चैंपियन किसान सीरीज के सफल किसान के साथ हुआ, जिन्होंने सेना की नौकरी के बाद खेती में अपने शौक को प्रोफेशन में बदल दिया और आज केवल अखरोट की खेती से वे सालाना 20 लाख रुपये तक कमाई कर रहे हैं. आज की हमारी ‘चैंपियन किसान‘ सीरीज में हम बात कर रहे हैं जम्मू के किश्तवाड़ में रहने वाले प्रगतिशील किसान सुनील कुमार की, जो कि न केवल खुद मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं बल्कि देश के अन्य किसान जो वैज्ञानिक तरीकों से खेती करना चाहते हैं, उनके लिए मिसाल है.
ICAR की मदद से शुरू की खेती
जम्मू के किश्तवाड़ जिले के रहने वाले प्रगतिशील किसान सुनील कुमार पहले सेना की नौकरी करते थे. लेकिन उनकी रूचि खेती-किसानी में थी, खासतौर पर अखरोट की खेती. सेना की नौकरी के बाद सुनील कुमार ने अखरोट की खेती की शुरुआत की. 39 साल के सुनील कुमार के इस सफर में उनका साथ दियाआईसीएआर – सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टेम्परेट हॉर्टिकल्चर, श्रीनगर (ICAR, Shrinagar) ने, जिसने उनकी रूचि को प्रोफेशन में बदलने में मदद की. सेना में नौकरी पूरी होने के बाद आईसीएआर की मदद से सुनील ने अखरोट की किस्मों और आधुनिक खेती तकनीकों पर विशेषज्ञ सलाह ली और अपने नए सफर की शुरुआत की.
अखरोट का सफल व्यवसाय
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अनुसार किसान सुनील कुमार अपने खेती के सफर में ICAR-CITH की मदद अखरोट की बेहतरीन किस्मों के पौधों की सभी सामग्री उपलब्ध हुई. इस दौरान उन्हें विशेष ट्रेनिंग दी गई जिसमें कलम और ग्राफ्टिंग जैसी तकनीकें, बगीचे की डिजाइन, परागण (Pollination) प्रबंधन, पुराने पेड़ों को नया जीवन देने की विधि और साथ ही फसल को कीटों से कैसे बचाया जाए ये भी सिखाया गया. खेती की शुरुआत में ही मिलने वाली मदद के कारण सुनील कुमार ने अखरोट का सफल व्यवसाय खड़ा किया जिससे आज वे एक सफल और प्रगतिशील किसान की श्रेणी में आने लगे हैं.

जम्मू के सफल किसान सुनील कुमार (Photo Credit- ICAR)
70 हजार से ज्यादा अखरोट के पौधे लगाए
किसान सुनील कुमार ने अखरोट की खेती की शुरुआत साल 2021 मे की थी, जिसके बाद से अपने इस सफर में उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की. इसके तहत उन्होंने अखरोट की कलम लगाने में 90 फीसदी सफलता पाई. बता दें कि, ग्राफ्टिंग तकनीक की मदद से अबकत वे 25 हजार ग्राफ्टेड पौधे लगा चुके हैं और 70 हजार अखरोट के पौधे उगा चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने अखरोट की नर्सरी की भी स्थापना की है. इसके अलावा सुनील कई राज्यों में अपनी नर्सरी में उगाए गए पौधों को दूसरे राज्यों में सप्लाई भी करते हैं. उनकी इन उपलब्धियों ने उनकी नर्सरी को गुणवत्ता और स्थिरता का आदर्श मॉडल बना दिया है.
सालाना 20 लाख की कमाई
साल 2021 में जब सुनील ने खेती की शुरुआत की थी तब उनकी कमाई 2 लाख रुपये थी जो कि आज 20 लाख रुपये हो गई है. सुनील अखरोट की खेती को बढ़ावा भी दे रहे हैं क्योंकि ये हर तरह के मौसम को सहने की शक्ति रखते हैं और जैविक खेती के लिए अखरोट की फसल बेस्ट है. बता दें कि, अखरोट लंबे समय तक फल देने वाली फसल है और बाजार में इसकी पैदावार ऊंचे दामों पर भी बिकती है. इस तरह अखरोट की वैज्ञानिक तरीकों से खेती करना अन्य किसानों के लिए प्रेरणा है.