बुंदेलखंड के किसान का कमाल, मौसंबी फसल से 4 लाख कमाए तो खेती सीखने दूर-दूर से आने लगे लोग

किसान रामरतन ने सबसे पहले साल 1996 में पहली बार दो हेक्टेयर में मौसंबी की खेती की थी. इसके बाद उन्होंने इसे जारी रखा, लेकिन उतना मुनाफा वह नहीं हासिल कर सके. लेकिन, बाग में उन्होंने फिर सहफसली खेती पद्धति को अपनाया, जिसके बाद उनकी कमाई बढ़ गई है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Published: 17 Oct, 2025 | 12:55 PM

Uttar Pradesh News: बुंदेलखंड में सूखे के चलते खेती करना काफी मुश्किल का काम है. लेकिन, बुजुर्ग किसान ने मौसंबी के पेड़ लगाकर नया प्रयोग करते हुए मेहनत की और उन्होंने मात्र एक हेक्टेयर से 4 लाख रुपये की कमाई की. उनकी कमाई और नए प्रयोग से इलाके में वह चर्चा का विषय बन गए. अब दूर-दूर गांवों के लोग उनसे मौसंबी की खेती करने और बाग लगाने की जानकारी लेने पहुंच रहे हैं. जबकि, उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अधिकारी भी उनकी खेती पद्धति को समझने के लिए उनके बाग में पहुंच रहे हैं.

मौसंबी के बाग से कमा रहे प्रति हेक्टेयर 4 लाख रुपये

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार बुंदेलखंड का हिस्सा हमीरपुर जिले में बिंवार क्षेत्र के बरेठी गांव के किसान रामरतन प्रजापति ने एक हेक्टेयर जमीन पर मौसंबी के पौधे लगाकर खेती शुरू की. बाद में उन्होंने अपने बाग में कुल 540 पौधे लगा दिए. हर पौधे पर औसतन 50 से 60 किलोग्राम फल लगे हुए हैं. किसान ने कहा कि उनके बाग से लगभग 250 क्विंटल तक उत्पादन मिल जाता है.

सहफसली खेती के तरीके ने बढ़ाई कमाई

किसान रामरतन प्रजापति ने मौसंबी की खेती शुरू की थी, पहले तो लोगों ने सलाह दी कि क्यों खेत को बर्बाद कर रहे हो. धान-गेहूं की बुवाई करो. लेकिन, वह नहीं माने. किसान रामरतन ने सबसे पहले साल 1996 में पहली बार दो हेक्टेयर में मौसंबी की खेती की थी. इसके बाद उन्होंने इसे जारी रखा, लेकिन उतना मुनाफा वह नहीं हासिल कर सके. लेकिन, बाग में उन्होंने धनिया, गेहूं, सब्जियों को भी उगाना शुरू किया तो उनकी कमाई बढ़ने लगी और वह मोटा मुनाफा हासिल कर पा रहे हैं.

दूसरी फसलों की कमाई लागत में इस्तेमाल

रामरतन अपने बाग में सहफसली खेती (Intercropping Farming Method) का तरीका अपना रहे हैं. इससे उनकी कमाई बढ़ी है और लागत घट गई है. वह कहते हैं कि अब उनकी कमाई केवल सीजन पर फल आने के वक्त नहीं रहता है, बल्कि हर वक्त उनके बाग से कुछ न कुछ उत्पादन होता है जो बाजार बिकने जाता है और उनकी कमाई होती है. वह एक हेक्टेयर सिर्फ मौसंबी से ही उन्होंने 4 लाख से अधिक की कमाई की है. वह हर मौसंबी फल कटाई के वक्त इतनी ही कमाई कर लेते हैं. जबकि, अन्य फसलों से भी उनकी कमाई हो जाती है, उस कमाई को वह लागत में इस्तेमाल करते हैं. जबकि, मौसंबी की कमाई उनका मुनाफा बन जाती है.

इस सीजन 8 लाख रुपये आमदनी की उम्मीद

उन्होंने कहा कि मौसंबी के फल (Sweet Lime) का वर्तमान बाजार कीमत थोक भाव में लगभग 28 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम है. उनके खेत में 540 के करीब मौसंबी के पौधे लगे हैं. हर पौधे पर औसतन 50 से 60 किलोग्राम फल लगे हुए हैं. किसान ने कहा कि उनके बाग से लगभग 250 क्विंटल तक उत्पादन मिल जाता है. उन्होंने कहा कि इस सीजन उनके कुछ पौधे फल देने के लिए और तैयार हो गए हैं. इस वजह से इस सीजन में उनकी अनुमानित कमाई 7-8 लाख के बीच रहेगी.

किसान और कृषि अधिकारी पहुंच रहे बाग

सहफसली खेती के तरीके से वह इलाके में मशहूर हो गए हैं. किसान ने कहा कि अब दूर-दूर के गांव के ग्रामीण और किसान उनके बाग में आते हैं और खेती का तरीका जानने की उत्सुकता दिखाते हैं. उन्होंने कहा कि कई किसानों को वह अपना तरीका भी सिखा चुके हैं. इसके पहले भी रामरतन प्रजापति की इस अनूठी खेती पद्धति को देखकर कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों के दल उनके बाग में भ्रमण के लिए भेजने शुरू किए हैं.

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