सूखे और बिजली की कम सप्‍लाई से तेलंगाना में बेहाल किसान प्रदर्शन पर उतरे

तेलंगाना में किसान सूखे की स्थिति, पानी की कमी और अनियमित बिजली आपूर्ति के विनाशकारी प्रभावों के कारण गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं.किसानों ने राज्‍य सरकार के रवैये को लेकर नाराजगी जताई है.

Kisan India
Noida | Published: 18 Mar, 2025 | 08:00 AM

तेंलगाना में किसान खासे नाराज हैं और अब प्रदर्शन पर उतर आए हैं. पिछले दिनों राज्य भर के कई जिलों में किसान सड़कों पर उतरे और फसल के नुकसान पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है. सूखे की स्थिति, पानी की कमी और अनियमित बिजली आपूर्ति के विनाशकारी प्रभावों के कारण ये किसान गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं. हालांकि अभी तक राज्‍य सरकार की तरफ से इस पर कोई भी टिप्‍पणी नहीं की गई है.

अभी तक नहीं किया गया पेमेंट

यहां के यादाद्री भोंगीर जिले में डेयरी किसान पिछले चार महीनों से बकाया भुगतान न होने के कारण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उन्‍हें भुगतान नहीं किया गया है. मल्लापुरम गांव के किसानों ने दूध संग्रह केंद्र पर विरोध प्रदर्शन किया. यहां करीब लगभग 30 किसानों को बकाया भुगतान तुरंत करने की मांग की गई है. भुगतान में देरी के कारण उनके लिए अपने मवेशियों के लिए चारा खरीदना मुश्किल हो गया है. इस वजह से किसान अनिश्चित स्थिति में हैं. प्रदर्शनकारी किसानों ने राज्‍य सरकार के रवैये को लेकर नाराजगी जताई है.

पानी की कमी से सूखी फसलें

इसी तरह से थुंगथुर्थी में किसानों ने पानी की कमी के कारण सूख चुकी फसलों के लिए प्रति एकड़ 25,000 रुपये मुआवजे की मांग की. बीआरएस के नेतृत्व में अन्‍नाराम गांव के किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया. मुनुगोड़े मंडल कृषि अधिकारी पद्मजा ने किसानों को पानी की उपलब्धता के आधार पर फसल चुनने की सलाह दी और दालें, मक्का और सब्जियों जैसी वैकल्पिक फसलों का सुझाव दिया. उन्होंने सरकारी सब्सिडी के साथ पाम ऑयल की खेती को एक प्रैक्टिकल ऑप्‍शन के तौर पर बताया.

50 हजार रुपये के मुआवजे की मांग

वहीं जनगांव जिले में किसानों ने सूख चुकी धान और मक्के की फसलों के लिए प्रति एकड़ 50,000 रुपये मुआवजे की मांग की. जनगांव जिला कलेक्ट्रेट के सामने किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया गया. माकपा के राज्य समिति सदस्य एमडी अब्बास ने राज्य सरकार की दूरदर्शिता और प्रशासनिक अनुभव की कमी की आलोचना की. उनका कहना था कि इसके कारण फसलें बर्बाद हो रही हैं. उन्होंने सूख रही फसलों के लिए पानी छोड़ने की मांग की. जोगुलम्बा गडवाल जिले में कलेक्टर संतोष ने कृषि अधिकारियों के साथ केटी डोड्डी मंडल में सूख चुकी फसलों का निरीक्षण किया. इस दौरे का मकसद नुकसान की सीमा का आकलन करना और किसानों की चिंताओं का समाधान करना था.

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Published: 18 Mar, 2025 | 08:00 AM

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