किसानों की न आय दोगुनी हुई, न खाद-बीज मिल रहे.. भूपेश बघेल बोले- सारी योजनाएं फेल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि किसानों की अनदेखी हो रही है. देश में डीएपी खाद की भारी कमी है. बीज भी कई राज्यों में उपलब्ध नहीं हैं.

नोएडा | Updated On: 11 Jun, 2025 | 04:51 PM

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि देश में डीएपी खाद की भारी किल्लत है. किसानों को समय पर उर्वरक नहीं मिल रहा है. एक बोरी डीएपी के लिए किसानों को दुकानों का चक्कर लगाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने की बात कही थी, लेकिन आज किसानों को उनकी फसल का उचित रेट नहीं मिल रहा है. ऐसे में किसान अपनी फसल को औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं.

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हालात ऐसे हो गए हैं कि पूरे देश में DAP नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि साथ ही कई राज्यों में बीज उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में किसान खरीफ फसलों की खेती कैसे कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को फायदा नहीं हो रहा है, बल्कि पीएम मोदी फसल बीमा योजना से अपने मित्रों को लाभ पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह योजना से कृषि का 30 फीसदी ही इसमें कवर हो रहा है. साथ ही किसानों को बीमा की राशि भी समय पर नहीं पहुंच पा रही है.

किसानों को समय पर नहीं मिल रही बीमा राशि

भूपेश बघेल ने कहा कि किसानों को बीमा की राशि मिलने में 6 महीने से 1 साल तक का समय लग रहा है. इससे अन्नदाता की परेशानी बढ़ती ही जा रही है. उन्होंने कहा कि अभी कई राज्यों में बेमौसम बारिश हुई, ओले गिरे, फसल बर्बाद हुई, लेकिन बीमा का पैसा किसानों को नहीं मिला है. ऐसे में किसान खरीफ फसलों के लिए समय पर खाद और बीज कैसे खरीद पाएंगे.

कई योजनाओं पर सवाल खड़े किए

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नल-जल योजना असफल साबित हुई. उनके मुताबिक, योजना के तहत गांवों में टंकी तो बन गई, लेकिन पाईप लाइन नहीं बिछी. कहीं पाईप लाइन लगी तो उसमें पानी नहीं आ रहा है. ऐसे में लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है. बघेल ने कहा कि अभी भी कई इलाके पानी के टेंकर पर निर्भर हैं. पहले राज्य सरकारें ट्यूबवेल करवाती थीं तो उसके लिए पैसा देना भी बंद हो गया है.

Published: 11 Jun, 2025 | 04:13 PM