भेड़पालकों और किसानों का टकराव रुकेगा, चेकपोस्ट-राशन से मेडिकल तक की व्यवस्था

राजस्थान में हर साल भेड़ों के खेतों में घुसने और फसलों को नष्ट करने के मामलों में चरवाहों और किसानों के बीच खूनी संघर्ष देखा गया है. इसे रोकने के लिए राज्य सरकार ने खास तैयारी करते हुए चेकपोस्ट से लेकर मेडिकल तक की व्यवस्था की है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 1 Jun, 2025 | 04:20 PM

राजस्थान में इस साल भेड़ों को लेकर चराने निकलने को लेकर बेहतर और सुरक्षित व्यवस्था के लिए राज्य सरकार ने तैयारी कर ली है. हर साल राजस्थान के पारंपरिक चरवाहे अपनी हजारों भेड़ों के झुंड लेकर निकलते हैं, इस दौरान कई बार भेड़ें किसानों के खेतों में घुसकर फसलों को नष्ट कर देती हैं. इससे किसानों और चरवाहों के बीच संघर्ष के मामले देखे जाते हें. इसको रोकने के लिए  राज्य सरकार ने भेड़ पालकों और उनके जानवरों के निर्बाध आवागमन के लिए पूरी तैयारी कर ली है.

मुख्य सचिव सुधांश पंत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों को सख्त निर्देश दिए हैं कि भेड़ निष्क्रमण में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग के मुताबिक, सरकार ने इस बार वैक्सीन, चेकपोस्ट, ठहरने की जगह, राशन, टेंट-शेड और सुरक्षा जैसे सभी पहलुओं का पूरा इंतजाम किया है.

टकराव से पहले अलर्ट मोड

मुख्य सचिव पंत ने कहा कि अक्सर पशुपालकों की भेड़ें रास्ते में आने वाले खेतों में घुस जाती हैं, जिससे किसानों और भेड़पालकों के बीच विवाद की स्थिति बन जाती ह.। इसे रोकने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन को पहले से सक्रिय रहने को कहा गया है. बैठक में भेड़पालकों को तय मार्गों से ही निकालने की हिदायत दी गई है और मार्ग में कोई बदलाव हो तो समय रहते कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

191 चेकपोस्ट और मेडिकल इंतजाम

पशुपालन विभाग ने जानकारी दी कि राज्य भर में 191 चेकपोस्ट स्थापित किए गए हैं. यहां पर पशुओं के लिए वैक्सीन, दवाइयां और स्वास्थ्य जांच की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. एन्ट्री प्वाइंट पहले से चिन्हित कर लिए गए हैं और स्थायी-अस्थायी चेकपोस्टों पर कार्मिकों की नियुक्ति का कार्य तेजी से किया जा रहा है. साथ ही, संवेदनशील जगहों पर भ्रमण टीमों का गठन भी किया जाएगा.

पंजीकरण से लेकर टेंट-शेड तक का इंतजाम

मुख्य सचिव पंत ने भेड़पालकों के पंजीकरण और उन्हें पहचान पत्र जारी करने के आदेश दिए हैं. इतना ही नहीं, उनके लिए अस्थायी टेंट, शेड, राशन और चिकित्सा सुविधा जैसी आधारभूत व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी. प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी तरह की असुविधा भेड़पालकों को न हो, खासकर महिलाओं और बच्चों को लेकर विशेष सावधानी बरती जाए.

इस बार भी बड़े स्तर पर निष्क्रमण की उम्मीद

पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि हर साल मानसून से पहले लाखों भेड़ें और हजारों भेड़पालक राज्य में निष्क्रमण करते हैं. पिछले साल करीब 8.15 लाख भेड़ें और 14,965 भेड़पालक राज्य में आए थे. इस बार भी बड़ी संख्या में निष्क्रमण की संभावना है, जिसके लिए सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. संभागीय आयुक्त और आईजी स्तर तक समन्वय की जिम्मेदारी तय की गई है ताकि हर स्तर पर सिस्टम फेल न हो.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 1 Jun, 2025 | 04:17 PM

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?

Side Banner

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?