नौतपा में पशु नहीं होंगे बेहाल.. वैज्ञानिक तरीकों से बनाएं ऐसा शेड, गर्मी में नहीं घटेगा दूध

नौतपा के दौरान पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए वैज्ञानिक शेड बनाना जरूरी है, जिससे उनकी सेहत बनी रहे और दूध उत्पादन बढ़े. सही जगह, अच्छा वेंटिलेशन और साफ-सफाई से शेड में गर्मी का असर कम होता है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 1 Jun, 2025 | 11:51 AM

देशभर में गर्मी ने दस्तक दे दी है और मौसम ने भी अब अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है. नौतपा चालू है. साल के सबसे तपते 9 दिन, जब सूर्य पृथ्वी के सबसे करीब होता है और गर्म हवाओं का कहर पूरे उत्तर भारत से लेकर दक्षिण तक महसूस होता है. इस दौरान तापमान 45 से 47 डिग्री तक पहुंच जाता है. ऐसे में इंसान ही नहीं, मवेशी भी बेहाल हैं. पर अगर आप एक समझदार पशुपालक हैं तो अब वक्त है पुराने जुगाड़ छोड़कर वैज्ञानिक तरीका अपनाने का, ताकि आपकी गाय-भैंस इस नौतपा में भी साफ, सुरक्षित और स्वस्थ रहें.

शेड की लोकेशन सही चुनें

मवेशी शेड के लिए स्थान का सही चयन अत्यंत आवश्यक है. शेड बनाते समय ध्यान रखें कि इसे ऊंचे और सूखे क्षेत्र में बनाया जाए ताकि बारिश का पानी जमा न हो. साथ ही, ऐसी जगह चुनें जहां साफ पानी और चारा आसानी से उपलब्ध हो. इससे गर्मियों में मवेशियों की देखभाल में सुविधा होगी और उन्हें बार-बार दूर ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

हवा-रोशनी का संतुलन जरूरी

हर गाय या भैंस के लिए कम से कम 10 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ा स्थान होना चाहिए. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मवेशियों को खुले में घूमने की सुविधा देनी हो तो प्रति मवेशी लगभग 40-50 वर्ग फुट खुला और 20-25 वर्ग फुट छायादार क्षेत्र आवश्यक होता है. शेड की दीवारें लगभग 5-6 फीट ऊंची होनी चाहिए और दोनों तरफ से हवा का अच्छा बहाव बना रहना चाहिए. साथ ही यह भी ध्यान रखें कि प्राकृतिक रोशनी शेड के अंदर तक पहुंचती रहे, ताकि मवेशियों को स्वस्थ वातावरण मिल सके.

फर्श और छत का सही प्रबंध

फर्श बनाते समय ध्यान रखें कि वह सीमेंट का हो और उसमें हल्का ढलान दिया जाए, ताकि पानी और मूत्र आसानी से बाहर निकल सकें. इतना ही नहीं शेड के अंदर साफ-सफाई के लिए निकासी नालियों का उचित प्रबंध करें और सप्ताह में एक बार कीटनाशकों का छिड़काव अवश्य करें. वहीं, गर्मी से राहत पाने के लिए छत पर पुआल, घास या थर्मल शीट बिछाना लाभकारी होता है. कुछ किसान कम खर्च में बेहतर परिणाम पाने के लिए ग्रीन नेट और पौधों की छाया का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.

वैज्ञानिक शेड से बढ़ेगा दूध उत्पादन

पशुपालन विशेषज्ञों की मानें तो वैज्ञानिक शेड से मवेशी तनावमुक्त रहते हैं, जिससे पशुओं का दूध उत्पादन में 10 से 15 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है. साथ ही वे हीट स्ट्रेस, इंफेक्शन और पैर की बीमारियों से बचे रहते हैं. यानी शेड सिर्फ छाया नहीं देता, आपके मवेशी की सेहत और आपकी आमदनी का सीधा कनेक्शन बनाता है.

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