देश के कई राज्यों में नौतपा ने दस्तक दी है और इसके साथ ही सूरज की तपिश ने पसीना छुड़ा दिया है. यहां तक की कई जिलों में पारा 47 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है. ऐसे में इंसान ही नहीं, जानवर भी बेहाल हैं. खासतौर पर बकरियों को लू और गर्मी से बचाना चुनौती बन गया है. बकरी पालक अगर इस भीषण गर्मी में थोड़ी सावधानी और देसी उपाय अपनाएं तो न सिर्फ बकरियों की सेहत बचाई जा सकती है, बल्कि उनका दूध उत्पादन और वजन भी बढ़ाया जा सकता है.
टाट-बोरी है कारगर उपाय
नौतपा के नौ दिनों में गर्मी का असर बकरी के शरीर पर सीधा पड़ता है. ऐसे में पशु विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि बाड़े की दीवारों पर टाट या बोरी टांग दें. दिन में तीन बार बाड़े में पानी छिड़कें, इससे तापमान 4-5 डिग्री तक कम हो जाता है. ये एकदम देसी और सस्ता तरीका है, जिससे बकरियां लू की मार से बच सकती हैं.
दिन में कम से कम तीन बार पानी पिलाएं
नौतपा के दौरान बकरियों को साफ और ठंडा पानी दिन में तीन से चार बार उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है. पर्याप्त हाइड्रेशन से बकरियों को पाचन समस्याओं से बचाव मिलता है और वे लू की मार से भी सुरक्षित रहती हैं. पानी की कमी होने पर बकरियों का शरीर कमजोर हो सकता है, जिससे उनकी दूध देने की क्षमता भी प्रभावित होती है.
हरा चारा और विटामिन जरूरी
गर्मी के मौसम में बकरियों को खनिजों और विटामिन से भरपूर आहार देना बहुत जरूरी है. सूखे चारे की जगह ताजा हरा चारा या हल्का पोषणयुक्त आहार देना बेहतर माना जाता है. इससे बकरियों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वे स्वस्थ रहती हैं.
सुबह- शाम चराने ले जाएं
बकरियों के लिए चराई का समय भी बड़ा मायने रखता है. सुबह जल्दी या शाम को तापमान कम होने पर चराई कराना चाहिए. दोपहर के समय चराने से जानवरों में गर्मी बढ़ती है और बीमार पड़ने का खतरा रहता है. सुबह-शाम चराई और साफ पानी से बकरियां स्वस्थ रहेंगी और दूध उत्पादन भी बेहतर होगा. इसलिए चराई का समय सुनिश्चित करके बकरियों की सेहत का ध्यान रखें.