भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून शनिवार को केरल पहुंच गया है, जो आमतौर पर 1 जून के आसपास आता है. खास बात यह है कि इस बार मॉनसून ने 2009 के बाद सबसे जल्दी दस्तक दी है, जब 23 मई को मॉनसून केरल पहुंचा था. हालांकि, आमतौर पर मॉनसून 1 जून के आसपास केरल पहुंचता है और फिर धीरे-धीरे जुलाई की शुरुआत तक पूरे देश को कवर करता है. यानी साल 2025 में मॉनसून करीब एक हफ्ते पहले ही आ गया है.
मॉनसून अब तक लक्षद्वीप, केरल, माहे, कर्नाटक के कुछ हिस्सों, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के बाकी हिस्सों, तमिलनाडु के बड़े हिस्से और मिजोरम के कुछ इलाकों में पहुंच चुका है. मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले 2 से 3 दिनों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. जल्द ही मॉनसून कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम-मध्य, उत्तर बंगाल की खाड़ी, पूर्वोत्तर भारत, सब-हिमालयन पश्चिम बंगाल और सिक्किम के बाकी हिस्से को कवर कर लेगा.
कब किस तारीख को आया मॉनसून
IMD के आंकड़ों के अनुसार, मॉनसून पिछले साल 30 मई को केरल पहुंचा था. जबकि 2023 में 8 जून को और 2022 में 29 मई को की इसकी दस्तक केरल में हुई थी. पुराने रिकॉर्ड देखें तो अब तक सबसे जल्दी मॉनसून 1990 में 19 मई को आया था, जो तय तारीख से 13 दिन पहले था. हालांकि हर साल मॉनसून के आने की तारीख बदल सकती है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि केरल में मॉनसून की शुरुआत की तारीख का पूरे देश में होने वाली बारिश की मात्रा या उसके फैलाव पर सीधा असर नहीं पड़ता.
तेज लू जारी रहने की चेतावनी
इस बीच, राजस्थान में 27 मई तक और पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर में 26 मई तक तेज लू जारी रहने की चेतावनी दी गई है. वहीं, ओडिशा के जिलों में 30 मई के तक गरज-चमक के साथ भारी बारिश होगी. इस दौरान तेज हवाएं चलने की संभावना है. दोपहर या शाम के वक्त 40–50 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.
IMD ने कहा कि विदर्भ, छत्तीसगढ़, गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में 30 मई तक कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है. बिहार में 25 और 26 मई को आंधी और बिजली के साथ 70 किमी/घंटा तक की रफ्तार वाली हवाएं चल सकती हैं.
इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
आईएमडी ने कहा है कि 27 मई के आसपास पश्चिम-मध्य और उत्तर बंगाल की खाड़ी के पास एक नया कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिससे ओडिशा और पूर्वी राज्यों में बारिश का खतरा और बढ़ सकता है. इसके साथ ही, पूर्वोत्तर भारत में भी 30 मई तक रोजाना हल्की से मध्यम बारिश, गर्जन-चमक और बिजली गिरने की संभावना है. अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है.