कम बारिश वाले इलाकों में भेजे जाएंगे बादल, क्लाउड सीडिंग तकनीक इस्तेमाल होगी

मौसम विभाग के अनुसार नए शोध और तकनीक की मदद से ज्यादा बारिश वाले बादलों को उन इलाकों में भेजा जाएगा जहां बारिश कम होती है. इसके साथ ही मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि बिजली गिरने जैसी समस्या पर भी शोध किया जाएगा.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 11 Jun, 2025 | 06:11 PM

देश में मॉनसून की एंट्री हो चुकी है लोकिन अलग-अलग हिस्सों में मॉनसून में बदलाव देखने को मिल रहे हैं. कहीं बहुत ज्यादा बारिश हो रही है तो कहीं बहुत कम. इन्हीं बदलावों के चलते भारतीय मौसम विभाग ने क्लाउड सीडिंग तकनीक पर काम करने की तैयारी कर ली है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि साल दर साल बारिश के बदलते पैटर्न को समझने में ये तकनीक उनकी मदद करेगी ताकि मौसम से होने वाली कई तरह की समस्याओं का समाधान किया जा सके.

बादलों पर होगा शोध

पृथ्वी ज्ञान मंत्रालय के अनुसार पुणे में बनी मौसम विभाग की रिसर्च विंग में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीट्रियोलॉजी (IITM) में एक क्लाउड चैंबर बनाया जाएगा. इस चैंबर में बदलों पर शोध किया जाएगा. इस शोध में मौसम वैज्ञानिक बादलों के बदलते पैटर्न और साल दर साल बारिश के बदलते पैटर्न पर रिसर्च की जाएगी. इस शोध में नमी , हवा की रफ्तार और तापमान का आंकलन किया जाएगा.

तकनीक पर काम करना समय की मांग

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण बारिश के पैटर्न में बदलाव आया है. वे बताते हैं कि मॉनसून में बारिश तो सामान्य स्तर पर हो रही है लेकिन इसका वितरण बराबर नहीं हो रहा है. यानी कहीं बारिश बहुत ज्यादा हो रही है औक कहीं बहुत कम. बारिश के इस असामन वितरण से कृषि क्षेत्र में भी कई तरह की समस्याएं पैदा हुई हैं, जिनको ध्यान में रखते हुए क्लाउड सीडिंग तकनीक पर काम करना बेहद जरूरी है.

बिजली और फॉग पर भी होगा शोध

बता दें कि बादलों पर किए जाने वाले इस शोध की मदद से ज्यादा बारिश वाले बादलों को उन इलाकों में भेजा जाएगा जहां बारिश कम होती है. इसके साथ ही मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि बिजली गिरने जैसी समस्या पर भी शोध किया जाएगा. इस शोध की मदद से जमीन पर गिरने वाली बिजली को बादल से बादल पर शिफ्त किया जाएगा ताकि बिजली गिरने से होने वाले नुकसान को बचाया जा सके. मौसम विभाग फॉग से होने वाली समस्याओं पर भी काम करने की तैयारी में है. पृथ्वी ज्ञान मंत्रालय भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार दूसरे चरण में फॉग पर शोध किया जाएगा.

Published: 11 Jun, 2025 | 06:11 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%