अब मछली पालन होगा आसान, बिहार सरकार की इस योजना से मछली पालकों को मिलेगा जबरदस्त लाभ

बिहार सरकार ने फिश फीड मील विद्युत सहायता योजना शुरू की है. इसके तहत बिजली बिल पर सब्सिडी मिलेगी. योजना से फिश फीड मिल संचालकों का खर्च घटेगा और मछली पालन उद्योग को मजबूती मिलेगी.

Kisan India
नोएडा | Published: 10 Sep, 2025 | 02:41 PM

BIHAR NEWS: बिहार सरकार लगातार किसानों, पशुपालकों और मछली पालन से जुड़े लोगों की आय बढ़ाने के लिए नई-नई योजनाएं ला रही है. इसी कड़ी में अब राज्य सरकार ने मछली चारा (फिश फीड) बनाने वाली मिलों के लिए एक खास योजना शुरू की है. इस योजना का नाम है फिश फीड मील विद्युत सहायता योजना. इसके तहत फिश फीड मिल संचालकों को बिजली बिल पर बड़ी राहत मिलेगी. सरकार का मानना है कि इस योजना से मछली पालन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के मत्स्य व्यवसाय को मजबूती मिलेगी.

क्या है फिश फीड मील विद्युत सहायता योजना

इस योजना की घोषणा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए की गई है. योजना के अनुसार, फिश फीड मिलों को उनके मासिक बिजली बिल में आर्थिक सहायता दी जाएगी. यह सहायता मासिक बिजली खपत (यूनिट के आधार पर) पर दी जाएगी. खास बात यह है कि इसमें केवल उपभोग की गई यूनिट का हिसाब लगेगा. यानी फिक्स्ड चार्ज और अन्य अतिरिक्त चार्ज शामिल नहीं होंगे.

कितनी मिलें होंगी लाभान्वित

राज्य में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत अब तक कुल 53 फिश फीड मिलें स्थापित की गई हैं. इस नई विद्युत सहायता योजना से इन्हीं फीड मिल संचालकों को सीधा फायदा मिलेगा. यानी बिहार में फिश फीड बनाने का काम करने वाले लोगों को अब बिजली खर्च का बड़ा हिस्सा सरकार वहन करेगी. इससे उत्पादन लागत घटेगी और लाभ बढ़ेगा.

किनको मिलेगा योजना का लाभ

यह योजना खास तौर पर उन फिश फीड मिल संचालकों के लिए है, जो 31 मार्च 2025 तक प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत स्थापित किए गए हैं. इनमें निजी क्षेत्र के वे संचालक शामिल होंगे जिनकी फीड मिल की उत्पादन क्षमता 2 टन, 8 टन, 20 टन और 100 टन प्रतिदिन है. यानी छोटे से लेकर बड़े स्तर तक की फीड मिलें इस योजना के लाभ के दायरे में आएंगी.

कितनी मिलेगी आर्थिक सहायता

  • बिजली बिल पर सहायता की राशि मासिक खपत के आधार पर तय होगी.
  • हर यूनिट पर 3 रुपये प्रति यूनिट की दर से सहायता मिलेगी.
  • 100 टन प्रतिदिन क्षमता वाली फिश फीड मिलों को अधिकतम 2 लाख रुपये प्रति माह और सालाना 24 लाख रुपये तक की सहायता मिल सकती है.
  • इससे छोटे और बड़े सभी स्तर के फिश फीड मिल संचालकों को राहत मिलेगी.

यानी अगर कोई मिल ज्यादा उत्पादन करती है और बिजली खपत भी ज्यादा है तो सरकार द्वारा दी जाने वाली यह मदद उसके लिए काफी बड़ी साबित होगी.

आवेदन की प्रक्रिया

इस योजना का लाभ उठाने के लिए मिल संचालकों को आवेदन करना होगा. आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन होगा. इसके लिए विभाग की वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in/ पर जाकर आवेदन करना होगा. आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तय की गई है. आवेदन करने से पहले योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी पढ़ना जरूरी है. योजना की जानकारी विभागीय आदेश संख्या 2605, दिनांक 12 जून 2025 से प्राप्त की जा सकती है. इसके अलावा इसे बिहार सरकार की पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है.

क्यों है यह योजना खास

बिहार सरकार की इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि फिश फीड बनाने की लागत कम हो जाएगी. जब लागत घटेगी तो उत्पादन सस्ता होगा और मछली पालकों को चारा कम कीमत पर मिलेगा. इससे मछली पालन की लागत भी घटेगी और मछली उत्पादन बढ़ेगा. सीधा फायदा किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को मिलेगा. इसके साथ ही राज्य में मछली पालन उद्योग को भी नई पहचान मिलेगी.

राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार को मिलेगा सहारा

बिहार सरकार की यह योजना केवल फीड मिल संचालकों को राहत नहीं देगी बल्कि इसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर होगा.

  • मछली पालन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे.
  • ग्रामीण इलाकों में ज्यादा लोग मछली पालन और इससे जुड़े कार्यों से जुड़ेंगे.
  • छोटे किसान भी आसानी से मछली पालन कर पाएंगे क्योंकि चारा सस्ता मिलेगा.
  • बिहार की मत्स्य उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी होगी और राज्य आत्मनिर्भर बनेगा.

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