मोरिंगा मॉडल से बदल गई पोल्ट्री की तस्वीर, मुर्गियां ज्यादा स्वस्थ और किसान कमा रहे दोगुना लाभ, पढ़ें डिटेल्स

गांवों में किसान अब मोरिंगा यानी सहजन को पोल्ट्री के साथ जोड़कर दोहरी कमाई कर रहे हैं. यह मॉडल चारे का खर्च घटाता है और मुर्गियों की सेहत भी बेहतर बनाता है. मोरिंगा की पत्तियां चारे के रूप में काम आती हैं और इसके फल-बीज बेचकर अलग से आय होती है, जिससे मुनाफा तेजी से बढ़ता है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 11 Dec, 2025 | 06:00 AM

गांवों में अब खेती का तरीका बदल रहा है. पहले किसान अलग-अलग काम करते थे-अलग से खेती, अलग से पशुपालन या मुर्गी पालन. लेकिन अब किसान एक ऐसे मॉडल की तरफ बढ़ रहे हैं, जिसमें एक ही चीज दोहरा फायदा देती है. मुर्गी पालन करने वाले किसानों के लिए मोरिंगा यानी सहजन की खेती आज सबसे बड़ा तोहफा बनकर उभरी है. वजह साफ है-चारा भी मुफ्त और बाजार में माल भी बिके, तो मुनाफा अपने-आप बढ़ जाता है.

मोरिंगा क्यों खास है?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मोरिंगा एक ऐसी फसल है जिसे उगाना आसान है और इसका उपयोग कई तरीकों से होता है. इसकी पत्तियां प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं-यानी मुर्गियों के लिए सबसे बेहतरीन चारा . जिन किसानों को महंगे चारे के कारण परेशानी होती है, उनके लिए मोरिंगा वरदान है. किसान पत्तियां मुर्गियों को खिला सकते हैं और इसके फल (ड्रमस्टिक) बेचकर अलग से अच्छी कमाई कर सकते हैं. इस तरह एक ही फसल से दोहरा फायदा मिल जाता है-खर्च घटता है और आय बढ़ती है.

मोरिंगा से मुर्गियों का स्वास्थ्य कैसे सुधरता है?

मोरिंगा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो मुर्गियों की सेहत को मजबूत बनाते हैं. यह मुर्गियों को बीमार होने से बचाता है और उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. मोरिंगा का चारा खाने वाली मुर्गियों में- वजन तेजी से बढ़ता है, मांस की गुणवत्ता बेहतर होती है, पाचन सुधरता है, किडनी और लीवर की कार्यप्रणाली मजबूत रहती है. कई किसान बताते हैं कि मोरिंगा खिलाने से दवाओं का खर्च काफी कम हो जाता है, क्योंकि मुर्गियां कम बीमार पड़ती हैं.

अंडा देने वाली मुर्गियों के लिए भी मोरिंगा फायदेमंद

अगर किसान लेयर मुर्गियों का पालन करते हैं, तब भी मोरिंगा बहुत लाभ देता है. इससे मुर्गियों के अंडों की गुणवत्ता  पहले से बेहतर हो जाती है. मोरिंगा खाने से- अंडे का छिलका मजबूत होता है, जर्दी का रंग और पोषण स्तर बढ़ता है, अंडे में बी-कैरोटीन और सेलेनियम की मात्रा बढ़ती है, अंडे में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाता है. सबसे खास बात-मोरिंगा से अंडे की संख्या पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता, बल्कि अंडों की गुणवत्ता बढ़ जाती है, जिससे बाजार में बेहतर कीमत मिलती है.

पोल्ट्री मॉडल क्यों बन रहा है डबल प्रॉफिट प्लान?

आज चारा सबसे महंगा इनपुट बन चुका है, और यही पोल्ट्री फार्मिंग  में सबसे बड़ा खर्च है. मोरिंगा इस समस्या को हल करता है. यह कम पानी में उग जाता है, तेजी से बढ़ता है और सालभर पत्तियां देता है. यानी चारा कभी खत्म नहीं होगा. मुर्गियों को प्राकृतिक चारा मिलेगा, वे स्वस्थ रहेंगी और तेजी से बढ़ेंगी-यानी मांस और अंडे दोनों में बढ़िया कमाई. दूसरी ओर, किसान मोरिंगा की फलियां, बीज और पाउडर बाजार में बेचकर अलग से आय कमा सकते हैं.

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Published: 11 Dec, 2025 | 06:00 AM

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