सही प्रजाति की मुर्गी चुनी तो महीने में लाखों की कमाई पक्की! ऐसे करें पोल्ट्री फार्मिंग की शुरुआत

मुर्गी पालन अब सिर्फ गांव की परंपरा नहीं, बल्कि मुनाफे का धंधा बन चुका है. सही नस्ल चुनने से किसान लाखों रुपये तक कमा सकते हैं. सरकार भी पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और प्रशिक्षण योजनाएं चला रही है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 22 Nov, 2025 | 07:48 AM

Poultry Farming : गांवों में कभी सिर्फ शौक समझा जाने वाला मुर्गी पालन (Poultry Farming) अब लाखों कमाने का जरिया बन चुका है. कम लागत, कम जगह और जल्दी रिटर्न-यही इस व्यवसाय की सबसे बड़ी खासियत है. अगर आप भी इस बिजनेस में कदम रखना चाहते हैं, तो सबसे पहले जरूरी है सही तरीके से तैयार की गई नस्ल की मुर्गी का चुनाव. गलत किस्म की मुर्गियों से मुनाफे की जगह नुकसान हो सकता है, जबकि सही प्रजातियां आपकी किस्मत पलट सकती हैं.

पोल्ट्री फार्मिंग: छोटा निवेश, बड़ा मुनाफा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज के समय में पोल्ट्री फार्मिंग  गांवों में रोजगार का मजबूत साधन बन चुकी है. बहुत से किसान खेती के साथ-साथ मुर्गी पालन को अपना रहे हैं, क्योंकि इसमें खर्च कम और फायदा ज्यादा है. केंद्र और राज्य सरकारें भी इस काम को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और प्रशिक्षण दे रही हैं. सरकार की ये योजनाएं किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं. अब दूर-दराज के इलाके भी अंडों और मांस के उत्पादन में पीछे नहीं हैं.

प्रतापधानी: देसी अंडों की भरोसेमंद किस्म

प्रतापधानी नस्ल की मुर्गियां अपने भूरे रंग के अंडों के लिए जानी जाती हैं. एक मुर्गी सालभर में 150 से 160 अंडे तक देती है और हर अंडे का वजन  लगभग 50 ग्राम होता है. इनकी खासियत यह है कि यह देसी परिस्थितियों में आसानी से पनप जाती हैं और कम खर्च में ज्यादा उत्पादन देती हैं. छोटे किसानों के लिए यह किस्म बेहद फायदेमंद मानी जाती है क्योंकि इसमें देखभाल और दवाओं का खर्च भी बहुत कम आता है.

ब्रायलर मुर्गियां: मांस उत्पादन के लिए सबसे बेस्ट

अगर आप मांस उत्पादन के लिए पोल्ट्री फार्मिंग कर रहे हैं तो ब्रायलर मुर्गियां (Broiler Chicken) आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प हैं. इनका विकास बेहद तेज होता है- केवल 8 सप्ताह में ये पूरी तरह तैयार हो जाती हैं. इन मुर्गियों का मांस मुलायम और स्वादिष्ट होता है, जिसकी मांग होटल, रेस्त्रां और शहरों में खूब रहती है. कम समय में तैयार होने और तेजी से बिकने की वजह से ब्रायलर फार्मिंग  किसानों के लिए तगड़ा मुनाफा देने वाला धंधा बन गया है.

फ्राइजल क्रॉस मुर्गी: अंडे और मांस दोनों में कमाल

उपकारिक नस्ल इसे Friszel क्रॉस भी कहा जाता है. ऐसी क्रॉसब्रीड मुर्गियां होती हैं जो अपनी दोहरी उपयोगिता के कारण प्रसिद्ध हैं- ये अंडे भी भरपूर देती हैं और वजन में भी अच्छी होती हैं. इनका औसत वजन 1.2 से 1.6 किलो तक होता है. सालाना 160 से 180 अंडे देने की क्षमता के कारण यह किसानों के लिए डबल मुनाफे का सौदा साबित होती हैं. कुछ उपकारिक प्रजातियां तो साल में करीब 300 अंडे तक देने की क्षमता रखती हैं.

लेयर मुर्गियां: अंडे उत्पादन में सबसे आगे

लेयर किस्म की मुर्गियां (Layer Hens) 18 से 19 हफ्तों में अंडे देने लगती हैं. एक बार शुरू होने के बाद ये लगभग 72 से 78 हफ्तों तक लगातार अंडे देती हैं. इन मुर्गियों में सालाना 250 से अधिक अंडे देने की क्षमता होती है. अगर इन्हें सही आहार और समय पर दवाएं मिलती रहें, तो इनसे किसानों को सालभर लगातार आमदनी होती रहती है.

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