कम वक्त में ज्यादा सिंचाई, स्प्रिंकलर बना किसानों का भरोसेमंद साथी

स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने के बाद दिनभर खेत में नाली बनाने, डोलू भरने और पाइप घुमाने की जरूरत नहीं रहती. मतलब मेहनत आधी, फायदा दोगुना होता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 16 Apr, 2025 | 02:23 PM

अब वो दिन गए जब खेत में पानी देना मतलब घंटों पाइप उठाना, नाली बनाना और फिर भीगते-थकते रहना. अब टाइम है स्मार्ट सिंचाई का और आज हम उसी की बात करेंगे. खेतों में आसान तरीके से पानी देने के लिए स्प्रिंकलर इरीगेशन सिस्टम आ गया है. पहले यह सिस्टम सिर्फ घर के लॉन या बगीचे के लिए बना था. लेकिन धीरे-धीरे अब किसान भी इसका इस्तेमाल करने लगे हैं. आइए जानते हैं कि ये काम कैसे करता है?

स्प्रिंकलर सिस्टम यानि बारिश वाला जादू

इस सिस्टम के लिए खेत में एक मोटा पाइप सिस्टम बिछाया जाता है. इसके बाद पंपिंग के जरिए पानी भेजा जाता है. फिर वो पानी हवा में फव्वारे की तरह उड़ाया जाता है और बूंद-बूंद बनकर नीचे गिरता है. एकदम वैसा ही जैसे आसमान से बारिश हो रही हो, इसकी मदद से गेहूं, मूंगफली, सब्ज़ी, या फलदार पेड़ सबको पानी अच्छे से मिलता है, और हर कोना भीग जाता है.

कम मेहनत, अधिक पानी

अब बात करते हैं असली फायदे की. स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने के बाद दिनभर खेत में नाली बनाने, डोलू भरने और पाइप घुमाने की जरूरत नहीं रहती. मतलब मेहनत आधी, फायदा दोगुना होता है. इससे ना सिर्फ पानी की बचत होती है, बल्कि पौधे तक अच्छी तरीके से पानी पहुंचता है. जब सब जगह बराबर पानी पहुंचेगा, तो फसल भी अच्छी बढ़ेगी, और खेत भी सुंदर दिखेगा.

हर तरह की मिट्टी में कामयाब

इस सिस्टम की एक और बढ़िया बात है, इसे आप रेतीली मिट्टी हो या चिकनी मिट्टी, हर जगह इस्तेमाल कर सकते हैं. चाहे आपका खेत छोटा हो या बड़ा, यह सिस्टम अपने हिसाब से एडजस्ट हो जाता है. इसके अंदर स्प्रे हेड्स के अलग-अलग प्रकार होते हैं, जिससे आप पानी का दबाव और दिशा खुद तय कर सकते हैं.

सरकार भी इस सिस्टम को बढ़ावा दे रही है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत, Per Drop More Crop स्कीम चलाई जा रही है, जिसमें स्प्रिंकलर सिस्टम के लिए सब्सिडी मिलती है.

Published: 16 Apr, 2025 | 02:23 PM

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