बरसात का मौसम जहां खेतों के लिए राहत लेकर आता है, वहीं पशुपालकों के लिए चिंता की वजह भी बन जाता है. खासकर ऊंटपालकों को इस समय सतर्क रहना जरूरी होता है. क्योंकि इस मौसम में ऊंटों में सर्रा रोग तेजी से फैलता है. यह एक गंभीर बीमारी है, जो एक खास किस्म के परजीवी (ट्रायपैनोसोमा) के कारण होती है और इसे फैलाने का काम मक्खियां करती हैं. अगर समय पर इलाज न हो तो यह बीमारी ऊंट की जान तक ले सकती है. सर्रा रोग से ऊंटों को बचाने के 5 आसान और प्रभावी उपाय जानें, जिन्हें अपनाकर बरसात के मौसम में पशुओं को सुरक्षित रखा जा सकता है.
1. ऊंटों के रहने की जगह साफ-सुथरी रखें
सर्रा रोग गंदगी और नमी वाली जगहों में तेजी से फैलता है. इसलिए सबसे जरूरी है कि ऊंटों के रहने की जगह हर समय साफ और सूखी बनी रहे. ध्ययान देने की बात यह है कि बरसात में जहां भी पानी भरने की संभावना हो, वहां जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए. इसके अलावा शेड में कीचड़ जमा न हो, इसका खास ध्यान रखे. क्योंकि गीली जमीन पर कीड़े-मकौड़े ज्यादा पनपते हैं, जो ऊंटों के लिए खतरा बन सकते हैं.
2. कीटनाशकों का छिड़काव जरूरी
मीडिया के एक रिपोर्ट के मुताबिक, सर्रा बीमारी फैलाने में मक्खियों का बड़ा हाथ होता है. इसलिए ऊंटों के आसपास के इलाके में नियमित तौर पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें. इससे मक्खियों और अन्य कीटों की संख्या कम होती है और संक्रमण फैलने की संभावना घट जाती है. बरसात के समय यह उपाय हफ्ते में दो बार करना ज्यादा असरदार होता है.
3. एंट्रीसाइड प्रोसाल्ट इंजेक्शन का इस्तेमाल करें
अगर किसी ऊंट में सर्रा के लक्षण नजर आते हैं, जैसे आंखों से पानी आना, सिर झुकाकर चलना या शरीर में कमजोरी तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. इसके लिए डॉक्टर की सलाह से ‘एंट्रीसाइड प्रोसाल्ट’ नामक इंजेक्शन दिया जा सकता है, जो परजीवियों को खत्म करता है और ऊंट को राहत पहुंचाता है. इस दवा का इस्तेमाल समय पर करना बेहद जरूरी है.
4. बीमार ऊंट को बाकी पशुओं से अलग रखें
सर्रा एक संक्रामक रोग है, इसलिए अगर किसी ऊंट में लक्षण नजर आएं तो उसे तुरंत बाकी पशुओं से अलग कर दें. इसके लिए अलग बाड़ा या शेड बनाना चाहिए ताकि बीमारी बाकी ऊंटों में न फैले. साथ ही, उसके खाने-पीने के बर्तन भी अलग रखें और इतना ही नहीं उन्हें रोजाना धोएं.
5. सुरामिन दवा का इस्तेमाल करें
सुरामिन एक प्रभावी दवा है, जो सर्रा रोग के परजीवियों को खत्म करती है. यह दवा केवल डॉक्टर की सलाह से ही दी जानी चाहिए. जिन इलाकों में पहले सर्रा का संक्रमण रहा हो, वहां बरसात शुरू होने से पहले ही सुरामिन का बचाव के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.
ऐसे पहचानें सर्रा रोग
अगर ऊंट सुस्त दिखाई दे, खाना-पीना छोड़ दे या उसके शरीर पर सूजन दिखे तो इसे नजरअंदाज न करें. यह सर्रा रोग के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं, जो समय पर इलाज मिलने पर ठीक हो जाता है, लेकिन देर होने पर जानलेवा साबित हो सकता है. इसलिए हर ऊंटपालक को यह जानना जरूरी है कि यह बीमारी कैसे फैलती है, इसके लक्षण क्या हैं और समय रहते कैसे इलाज किया जाए. साथ ही, ऊंटों के रहने की जगह साफ रखना और मक्खियों से बचाव भी बेहद जरूरी है.
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