अगर आप चाहते हैं कि आपकी मुर्गियां हर दिन अंडा दें और मुर्गीपालन से अच्छा पैसा कमाएं तो बस दाना-पानी देने से काम नहीं चलेगा. मुर्गीपालन एक ऐसा काम है जिसमें साफ-सफाई, सही फार्म बनाना और मुर्गियों की देखभाल के कुछ नियम बहुत जरूरी होते हैं. अगर इनमें लापरवाही की गई तो नुकसान तय है. कई लोग सोचते हैं कि चूजे खरीद लिए तो कमाई शुरू हो जाएगी, लेकिन असल कमाई तभी होती है जब फार्म सही तरीके से चलाया जाए. इसलिए जरूरी है कि हर कदम पर योजना, सतर्कता और सही तकनीक का इस्तेमाल किया जाए, तभी मुर्गियां रोज अंडा देंगी और फार्म से कमाई लगातार बढ़ेगी.
बनाते समय फार्म की दिशा और ऊंचाई पर ध्यान दें
मुर्गीपालन फार्म बनाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, ताकि मुर्गियां स्वस्थ रहें और अंडा उत्पादन लगातार बना रहे. सबसे पहले, फार्म ऐसी जगह बनाएं जो गांव या शहर से थोड़ी दूर हो, लेकिन मुख्य सड़क से जुड़ी हो. ध्यान दें कि फार्म ऊंचे स्थान पर होना चाहिए ताकि बारिश में पानी जमा न हो.
मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, फार्म की लंबाई पूरब से पश्चिम दिशा में रखें, इससे सूरज की रोशनी अच्छी तरह अंदर पहुंचेगी. इसके अलावा, फर्श पक्का होना चाहिए ताकि सफाई में दिक्कत न आए. वहीं, फार्म की चौड़ाई ज्यादा से ज्यादा 25 फीट रखें और दो शेड के बीच कम से कम 20 फीट का अंतर जरूरी है. जबकि छत की ऊंचाई बीच में 12 फीट और किनारों पर 8 फीट होनी चाहिए, ताकि हवा आसानी से अंदर-बाहर हो सके. इससे फार्म हवादार रहेगा और मुर्गियां बीमार नहीं पड़ेंगी.
शेड की सफाई और सुरक्षा जरूरी
मुर्गी फार्म में एक ही शेड में एक जैसी नस्ल के चूजे रखें और सभी को एक साथ लाएं. जब बिक्री का समय आए तो पूरे बैच को एक साथ फार्म से निकालें. इसे ही आल-इन, आल-आउट तरीका कहा जाता है. ध्यान दें कि फार्म और बर्तनों की रोजाना सफाई बहुत जरूरी है. इसके अलावा, बाहरी लोगों का फार्म में प्रवेश बंद रखें, क्योंकि इससे संक्रमण फैल सकता है. साथ ही, फार्म में कुत्ता, चूहा, गिलहरी या देशी मुर्गियां न घुसने दें. जो चूजे मर जाएं, उन्हें खेत में फेंकने की बजाय जलाकर नष्ट करें. इतना ही नहीं वैक्सीन की खाली बोतलें भी जलाकर खत्म करें.
जैविक सुरक्षा से बढ़ेगा फार्म का मुनाफा
पोल्ट्री फार्म में जैविक सुरक्षा सबसे जरूरी नियमों में से एक है, जिसे कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, फार्म के बाहर कीटाणुनाशक (डिसइंफेक्टेंट) का छिड़काव करें, ताकि बीमारी अंदर न आए. यही नहीं, शेड में जाने से पहले हाथ-पैर धोएं, साफ कपड़े पहनें और जरूरत हो तो मास्क-बूट जरूर लगाएं. साथ ही, समय पर टीकाकरण करवाना बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे चूजे बीमार नहीं पड़ते और तेजी से बढ़ते हैं. जब चूजों को सही समय पर सही दवा मिलेगी, तभी मुर्गियां अंडा देना जारी रखेंगी और आपका मुनाफा बना रहेगा.
योजना और तकनीक से ही होगा फायदा
मुर्गीपालन में आमदनी तब होती है जब खर्च कम और उत्पादन ज्यादा हो. इसके लिए हर कदम पर प्लानिंग और तकनीक की जरूरत है. इसके लिए शुरुआत से ही चूजों की उम्र, आहार, पानी, तापमान और लाइटिंग का ध्यान रखें. बाजार में कब डिमांड ज्यादा रहती है, अंडों और मुर्गियों की बिक्री कब करनी है, यह पहले से तय करें. इस तरह एक बार की मेहनत से महीने-दर-महीने कमाई पक्की हो सकती है.