मुर्गीघर का ये देसी फॉर्मूला अपनाया तो खूब मिलेंगे अंडे, जानिए कैसे

मुर्गीपालन में अंडा उत्पादन बढ़ाने के लिए सिर्फ खाना और नस्ल ही नहीं, बल्कि मुर्गीघर की बनावट भी बेहद जरूरी होती है. यह देसी तरीका अपनाकर अंडों की संख्या बढ़ाई जा सकती है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 8 Jul, 2025 | 11:59 AM

अगर आप मुर्गीपालन कर रहे हैं या इसकी शुरुआत करने की सोच रहे हैं तो ये जानकारी आपके बहुत काम की है. क्योंकि अंडा उत्पादन सिर्फ मुर्गियों के खाने-पीने या नस्ल पर ही नहीं, बल्कि उनकी रहने की जगह यानी मुर्गीघर (कॉप) पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है. अगर मुर्गियों को आरामदायक, सुरक्षित और साफ-सुथरी जगह मिलेगी तो वो न सिर्फ स्वस्थ रहेंगी बल्कि ज्यादा अंडे भी देंगी. बस ये देसी तरीका अपनाइए, फिर देखिए कैसे मुर्गी घर में अंडे गिरते हैं झड़ी की तरह.

मुर्गियो्ं के लिए ऐसे में बनाये बाड़ा

मुर्गियों को तंग  और बंद जगह बिल्कुल पसंद नहीं होती. ऐसे में अगर उन्हें खुलकर चलने-फिरने की जगह मिलेगी तो वे ज्यादा स्वस्थ और खुश रहेंगी. मीडिया के एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुर्गीघर के अंदर हर मुर्गी के लिए 2-3 वर्ग फुट और बाहर के हिस्से में 8-10 वर्ग फुट जगह जरूर रखें. इससे वे मिट्टी में घूम पाएंगी. जगह कम होने पर मुर्गियों में झगड़ा होता है, अंडा कम देती हैं और बीमार भी जल्दी पड़ती हैं.

बाड़े में ताजी हवा का आना-जाना जरूरी

मुर्गी का बड़ा बनाते समय ध्यान दें कि उसमें ताजी हवा का आना-जाना जरूरी है.अगर वेंटिलेशन ठीक नहीं होगा तो नमी जमती है, जिससे मुर्गियों को सांस की बीमारी हो सकती है. इसलिए खिड़की, जाली या ऊपर हवा के लिए खुला स्थान जरूर रखें. ऐसा करने से मुर्गियों को गर्मियों में ठंडक मिलेगी और सर्दियों में भी हवा रुकी नहीं रहेगी, जिससे मुर्गियां स्वस्थ रहेंगी.

अंडा देने के लिए जरूरी है शांत माहौल जरूरी

अंडे देने के लिए मुर्गियों को शांत और सुरक्षित माहौल  चाहिए. इसलिए हर 3-4 मुर्गियों के लिए एक घोंसले का बक्सा जरूर बनाएं. ध्यान दें कि बक्से में नरम बिछावन जैसे भूसा या सूखी घास रखें, ताकि मुर्गी आराम से बैठ सके. पूड़ा मिलाकर बक्सा ऐसा हो कि अंडा सुरक्षित रहे, टूटे नहीं और सफाई भी आसानी से बनी रहे.

सही व्यवस्था से रहेंगी तंदुरुस्त

मुर्गियां जमीन पर नहीं सोतीं, उन्हें ऊंचाई पर सोना पसंद होता है. इसी जगह को बसेरा कहा जाता है. इसके लिए करना ये होता है कि दीवार के किनारे लकड़ी की पतली पट्टियां लगाएं, ताकि मुर्गियां उस पर चढ़कर आराम से बैठ सकें. इससे उन्हें आराम भी मिलेगा और सफाई बनी रहने से बीमारियों से भी बचाव होगा.

शिकारियों से बचाने के लिए मजबूत तार और ताले हैं जरूरी

गांवों में अक्सर कुत्ते, बिल्ली, नेवला या चूहे जैसे जानवर मुर्गियों को नुकसान पहुंचा देते हैं. इसलिए मुर्गीघर के चारों ओर मजबूत तार जाल लगाएं और दरवाजों में अच्छे ताले जरूर लगाएं. जैसे ही शाम हो, मुर्गियों को अंदर बंद कर दें, ताकि रात में कोई जानवर नुकसान न कर सके. ऐसा करने से आपकी मुर्गीं तंदुरुस्त रहेगी और अंड़ा भी ज्यादा देगी.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%