अगर आप किसान हैं और दूध उत्पादन करते हैं तो आपके लिए ये राहत भरी खबर है. मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए दूध के रेट में ढाई से छह रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐलान किया है कि प्रदेश के 50 फीसदी गांवों को दुग्ध नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिससे ज्यादा किसानों को सीधा लाभ मिल सके.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए प्रदेश के आधे गांवों को दुग्ध सहकारी समितियों से जोड़ा जाएगा. सरकार ने अब तक 381 नई दुग्ध सहकारी समितियां बनाई हैं, जिनके ज़रिए 9500 से अधिक दुग्ध उत्पादकों को जोड़ा गया है.
मुख्यमंत्री निवास पर पशुपालन और डेयरी विभाग के अधिकारियों से चर्चा करते हुए डॉ. मोहन यादव ने कहा कि देशी नस्ल की दूध देने वाली गायों के लिए जल्द ही मॉडल फार्म बनाए जाएंगे. इसके साथ ही सांची ब्रांड को और ज्यादा लोकप्रिय बनाने की योजना भी तैयार कर ली गई है.
गृह मंत्री के निर्देश के बाद बढ़ा डेयरी विकास का दायरा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्यप्रदेश में चल रही डेयरी योजनाओं को और बेहतर बनाने के लिए जरूरी बदलाव करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद राज्य सरकार ने दूध उत्पादन की पूरी क्षमता का लाभ उठाने के लिए योजना पर काम शुरू कर दिया है. अब लक्ष्य है कि राज्य की 72 प्रतिशत संभावित दुग्ध उत्पादन क्षमता को कवर किया जाए और दूध की बिक्री के लिए बाजार तक पहुंच 15 प्रतिशत तक बढ़ाई जाए, ताकि किसानों को अधिक फायदा मिल सके.
किसानों को समय पर भुगतान की व्यवस्था
सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसानों को उनके बेचे गए दूध का पैसा समय पर मिल जाए, ताकि उन्हें आर्थिक परेशानी न हो. साथ ही भोपाल में एक नया हीफर रियरिंग सेंटर भी बनाया जाएगा. इस सेंटर का मकसद है दुधारू पशुओं की नस्ल में सुधार करना, जिससे भविष्य में ज्यादा और बेहतर क्वालिटी वाला दूध मिल सके. इससे न सिर्फ किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी, बल्कि पशुपालन का स्तर भी सुधरेगा.
जबलपुर और ग्वालियर में खास बढ़ोतरी
जबलपुर और ग्वालियर के दुग्ध संघों ने दूध इकट्ठा करने में अच्छी बढ़ोतरी की है. किसानों को समय पर भुगतान मिले, इसके लिए सरकार ने दोनों संघों को 2-2 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी है, ताकि वे बिना देरी के दूध का पैसा दे सकें.