खेती से नहीं हो रही कमाई, किसान अब तालाब बनाकर मछली पालन से करें लाखों में कमाई

किसान खेती की बजाय अब मछली पालन अपना रहे हैं. कम लागत, जल्दी मुनाफा और जयंती रोहू जैसी मछलियों से उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है. गांवों में यह बदलाव तेजी से बढ़ रहा है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 7 Aug, 2025 | 05:48 PM

अगर खेत की मिट्टी अब आपकी मेहनत का सही फल नहीं दे रही है, तो अब वक्त है तालाब की ओर रुख करने का- जी हां,  उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के किसान अब मछली पालन को अपना रहे हैं और इससे 10 महीने के अंदर ही शानदार कमाई कर रहे हैं. जहां खेती में मौसम, लागत और दाम की अनिश्चितता है, वहीं मछली पालन उन्हें कम खर्च में ज्यादा फायदा दे रहा है. खास बात ये है कि अब गांव के युवा भी इसमें नई उम्मीद देख रहे है.

किसान अब मछली पालन की ओर बढ़ रहे हैं

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लखीमपुर खीरी के कई गांवों में किसान अब पारंपरिक खेती के साथ-साथ मछली पालन भी कर रहे हैं. यह काम उनके लिए सिर्फ रोजगार नहीं, बल्कि एक स्थायी कमाई का जरिया बन रहा है. छोटे तालाबों में सीमित संसाधनों से भी किसान शुरुआत कर रहे हैं और धीरे-धीरे बढ़ते हुए अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इस बदलाव से गांवों की तस्वीर बदल रही है- जहां पहले किसान मौसम की मार झेलते थे, अब वे अपनी मेहनत का सीधा लाभ पा रहे हैं.

मछली पालन में बीज की भूमिका सबसे अहम

मछली पालन तभी सफल हो सकता है, जब शुरुआत सही बीज से की जाए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पहले किसानों को अच्छी क्वालिटी का बीज नहीं मिल पाता था, जिससे नुकसान होता था. लेकिन अब केंद्र पर 10 से ज्यादा प्रजातियों के मछली बीज उपलब्ध हैं. इनमें रोहू, नैन, भाकूर, सिल्वर कॉर्प, कामन कॉर्प और ब्रिगेड कॉर्प शामिल हैं. बीज किसानों को कम दाम में दिए जा रहे हैं, जिससे उनकी शुरुआती लागत भी कम हो रही है और कमाई ज्यादा हो रही है.

जयंती रोहू बनी किसानों की पहली पसंद

आजकल सबसे ज्यादा मांग जयंती रोहू मछली की हो रही है. इसका कारण है कि यह मछली सिर्फ 8 से 10 महीनों में बाजार के लायक हो जाती है, जबकि बाकी प्रजातियों को 16-18 महीने लगते हैं. इसका वजन करीब 1 से 1.5 किलो तक होता है और बाजार में 300 रुपये किलो तक बिकती है. यही वजह है कि किसान अब तेजी से जयंती रोहू की ओर आकर्षित हो रहे हैं. कम समय, अच्छा वजन और बेहतर दाम- ये सब मिलकर इसे फायदे का सौदा बना देते हैं.

छोटे तालाब और कम खर्च में भी हो रही अच्छी कमाई

अब छोटे किसान भी छोटे तालाबों से शुरुआत कर रहे हैं. जरूरी नहीं कि बहुत बड़ा फार्म हो. अगर सही बीज, साफ पानी और संतुलित खाना दिया जाए तो कम लागत में भी महीने के हजारों और साल के लाखों की कमाई हो सकती है. यही वजह है कि आज मछली पालन को गांवों में एक नई क्रांति के रूप में देखा जा रहा है.

Published: 7 Aug, 2025 | 05:10 PM

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