गाय-भैंस के लिए करें इस चारे की खेती, गर्मी में भी नहीं सूखती है फसल

इस तरह के चारे में प्रोटीन की मात्रा 14.24 फीसदी, कैल्शियम 1.22 फीसदी और फास्फोरस 0.43 फीसदी होता है.  इसे विशेषज्ञों ने पशुओं के लिए एक पौष्टिक भोजन करार दिया है. साथ ही यह फसल शुष्क मौसम में भी जीवित रहती है. 

Kisan India
Published: 24 Feb, 2025 | 09:54 PM

ऐसे कई प्रकार के चारे और आहार हैं जिनकी खेती करके किसान पूरे साल अच्‍छा फायदा हासिल कर सकते हैं. गायों के लिए हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए किसान कई तरह की घास, फलियां और अनाज वाली फसलें उगाते हैं. आज हम आपको चारे के एक ऐसे विकल्‍प के बारे में बताते हैं जिसे आप पूरे साल उगा सकते हैं. चारे का यह विकल्‍प है राइसबीन जिसकी खेती किसान पूरे साल कर सकते हैं और अच्‍छा-खासा फायदा उठा सकते हैं. राइसबीन, फलियों या दालों का एक प्रकार है. इसे विशेषज्ञों ने पशुओं के लिए एक पौष्टिक भोजन करार दिया है. साथ ही यह फसल शुष्क मौसम में भी जीवित रहती है.

कब और कैसे लगाएं

विशेषज्ञों की मानें तो यूं तो इसे हर तरह की जमीन में उगाया जा सकता है. लेकिन इसे अवशिष्ट मिट्टी के पानी वाली निचली भूमि में सबसे अच्छी तरह से उगाया जा सकता है. जमीन को अच्छी तरह से जोतना चाहिए. इसके बीज मार्च से मई के बीच बोना चाहिए. किसान दो तरह से बीज बो सकते हैं, या तो वो बीज को बस बिखेर सकते हैं या फिर क्‍यारियों में इसे लगा सकते हैं.

दो पंक्तियों के बीच 25-30 सेमी और दो बीजों के बीच 10 सेमी की दूरी होनी चाहिए. अगर खेती बीज के लिए है तो दो पंक्तियों के बीच की दूरी 60-70 सेमी रखनी चाहिए. अगर खेती चारे के लिए है तो एक बीघा जमीन में 5-6 किलो बीज बोया जा सकता है और अगर खेती बीज के लिए है तो 3-4 किलो की जरूरत होती है.

कैसी हो खाद

बीज बोने से करीब चार हफ्ते पहले प्रति बीघा 4-5 क्विंटल खाद का प्रयोग करना चाहिए. इसके अलावा, मिट्टी तैयार करते समय हर बीघा में 6 किलो यूरिया, 35 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट और 5 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश का प्रयोग करना चाहिए.

कब करें सिंचाई

खेती के दौरान शुष्क मौसम में जरूरत के मुताबिक 2 से 3 बार सिंचाई करनी चाहिए. बहुत ज्‍यादा बारिश के समय जलभराव से बचने का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इससे फसल को नुकसान पहुंच सकता है.

फसल कब काटें

राइसबीन की पहली फसल बीज बोने के 60 दिन बाद काटी जा सकती है. उसके बाद अगर सही सिंचाई और खाद दी जाए तो 45-50 दिन बाद दूसरी फसल काटी जा सकती है. घास और दूसरे चारे की कमी वाले महीनों में यह फसल काम आती है. बारिश के दौरान करीब 50-55 क्विंटल और सर्दियों के दौरान 40-45 क्विंटल फसल काटी जा सकती है.

आम तौर पर एक बीघा जमीन से 40-45 क्विंटल चारा मिलता है. अगर दो फसलें काटी जाएं तो 80-93 क्विंटल चारा मिलता है. इस तरह के चारे में प्रोटीन की मात्रा 14.24 फीसदी, कैल्शियम 1.22 फीसदी और फास्फोरस 0.43 फीसदी होता है.

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