Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव का मौसम जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सियासी तापमान भी आसमान छू रहा है. सीट बंटवारे का फॉर्मूला लीक हो चुका है, लेकिन एनडीए के भीतर अभी भी जोड़-घटाव और जुगाड़ जारी है. दिल्ली में बंद कमरों में रणनीति बन रही है, तो बाहर मैदान में प्रशांत किशोर और असदुद्दीन ओवैसी अपना अलग खेल दिखाने में जुट गए हैं. यह चुनाव सिर्फ एनडीए बनाम महागठबंधन नहीं रहने वाला, बल्कि चार तरफा घमासान बन चुका है. ऊपर से उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां कर तड़का और लगा दिया-अब मुकाबला सिर्फ सीटों का नहीं, इज्तत का भी हो गया है.
NDA में अभी भी सौदेबाजी बाकी
शनिवार को दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के घर पर बिहार NDA की बड़ी बैठक हुई. अमित शाह, सम्राट चौधरी, धर्मेंद्र प्रधान, नित्यानंद राय और तमाम बड़े नेता मौजूद थे. अंदर की खबर ये है कि 90 से 100 सीटों पर चर्चा टिक गई है, लेकिन हर नेता अपनी कुर्सी मजबूत करने के लिए अभी भी जोड़तोड़ में जुटा है.
लीक हुआ फॉर्मूला- कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा?
सूत्रों के मुताबिक सीट शेयरिंग का संभावित फार्मूला इस तरह है:-
- JDU- 101 सीटें
- BJP- 100 सीटें
- LJP (चिराग पासवान)- 26 सीटें
- HAM (जीतन राम मांझी)- 7 सीटें
- RLM (उपेंद्र कुशवाहा)- 6 सीटें
3 सीटों पर अभी चर्चा जारी है
यानि नीतीश कुमार की JDU फिर से NDA में बड़े भाई की भूमिका में आ गई है, जबकि बीजेपी ने 100 सीटों पर मानकर भावनात्मक त्याग दिखाया है. लेकिन क्या यहा वाकई त्याग है या कोई भीतर की चाल? ये तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा!
चिराग और मांझी के तेवर ठंडे… या तूफान से पहले की शांति?
कुछ दिन पहले तक चिराग पासवान कह रहे थे- हम 30 से कम सीट नहीं लेंगे. उधर मांझी भी अड़े थे कि हम कमजोर भूमिका में नहीं रहेंगे. लेकिन दिल्ली की बैठक के बाद दोनों खामोश हैं. सूत्रों का कहना है, दोनों को समझा-बुझाकर शांत किया गया है लेकिन मन से नहीं, मजबूरी में.
मधुबनी से तीन उम्मीदवार भी घोषित
इधर प्रशांत किशोर (Prashant Kishore), जिन्हें बिहार में पीके के नाम से जाना जाता है, ने अपनी नई पार्टी जन सुराज के साथ बड़ा दांव खेल दिया है. उन्होंने साफ ऐलान किया है कि वो 151 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. मधुबनी जिले की 3 सीटों पर उम्मीदवार भी घोषित कर दिए गए हैं. इसका मतलब साफ है- PK अब सिर्फ सलाह देने वाले नहीं, बल्कि खुद मैदान में उतर चुके हैं.
AIMIM ने जारी की पहली लिस्ट
जहां एक तरफ एनडीए अभी भी सीटों को लेकर माथापच्ची कर रहा है, वहीं ओवैसी की पार्टी AIMIM ने सीधा अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है. यानी उनकी तैयारी पूरी है और वो खासकर सीमांचल और मुस्लिम बहुल इलाकों में तगड़ा मुकाबला देने की तैयारी में हैं.
कुशवाहा की ट्वीट में झलकी तकलीफ
प्रिय मित्रों/साथियों,
आप सभी से क्षमा चाहता हूं। आपके मन के अनुकूल सीटों की संख्या नहीं हो पायी। मैं समझ रहा हूं, इस निर्णय से अपनी पार्टी के उम्मीदवार होने की इच्छा रखने वाले साथियों सहित हजारों – लाखों लोगों का मन दुखी होगा। आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा। परन्तु आप सभी…
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLM) October 12, 2025
RLM प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बयान दिया है- बातचीत अभी पूरी नहीं हुई है, मीडिया गलत रिपोर्ट कर रहा है. उन्होंने एक भावुक ट्वीट भी किया जिसमें लिखा, ‘आप सभी से क्षमा चाहता हूं… आपके मन के अनुकूल सीटें नहीं मिलीं. कई घरों में आज खाना नहीं बना होगा… लेकिन मजबूरी समझिए.’ यह ट्वीट बताता है कि कुशवाहा दिल से अभी संतुष्ट नहीं हैं और अगर ऐन वक्त पर उन्होंने कोई नया मोड़ दे दिया तो हैरानी नहीं होनी चाहिए.
मुकाबला अब सीधा नहीं- इस बार हर कोने से चुनौती
पिछले चुनावों में मुकाबला आमतौर पर दो ध्रुवों में बंटा था- NDA बनाम RJD गठबंधन. लेकिन इस बार तस्वीर बदल चुकी है:-
- NDA- JDU + BJP + LJP + HAM + RLM
- महागठबंधन- RJD + कांग्रेस + लेफ्ट
- जन सुराज- प्रशांत किशोर
- AIMIM- असदुद्दीन ओवैसी
- VIP, BSP और कई छोटे दल भी टिकट बांटने में जुटे हैं
- यानी हर सीट पर मुकाबला तीन-कोने या चार-कोने का होने वाला है.
अब आगे क्या?
अगर सबकुछ प्लान के मुताबिक होता है तो अगले हफ्ते NDA आधिकारिक तौर पर सीट शेयरिंग का ऐलान कर देगा और उसी दिन महागठबंधन भी अपना फॉर्मूला सामने लाएगा. इसके बाद असली जंग शुरू होगी- कौन टिकट पाएगा और कौन बागी बनेगा? क्योंकि बिहार की राजनीति में जितनी ताकत सीटों में नहीं, उतनी बगावत में होती है.