Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बड़ी योजनाएं लागू की हैं. इन योजनाओं का सीधा असर महिलाओं, युवाओं और ग्रामीण मतदाताओं पर पड़ सकता है जो किसी भी चुनाव का सबसे बड़ा वोट बैंक होते हैं. देखिए, कौन-सी हैं ये 7 बड़ी योजनाएं जो नीतीश के लिए चुनाव में ‘गेम-चेंजर’ साबित हो सकती हैं.
125 यूनिट तक फ्री बिजली योजना
- 1 अगस्त 2025 से हर घरेलू उपभोक्ता को 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी.
- करीब 1.67 करोड़ परिवार इस योजना का फायदा उठाएंगे.
- गरीब परिवारों को सोलर पैनल लगाने में भी सरकार पूरी मदद देगी.
राजनीतिक असर: सीधा फायदा गरीब और मध्यम वर्ग को, जिससे ग्रामीण वोट बैंक मजबूत होगा.
पेंशन में बड़ा इजाफा
- 24 जून 2025 को राज्य सरकार ने पेंशन बढ़ाने का निर्णय लिया.
- बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों की पेंशन ₹400 से बढ़ाकर ₹1,100 प्रति माह कर दी गई है.
- लगभग 1.1 करोड़ लोगों को इसका सीधा लाभ मिला.
राजनीतिक असर: बुजुर्ग और महिलाओं में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ेगा.
बेरोजगार युवाओं के लिए भत्ता और स्टाइपेंड
- 20-25 वर्ष के बेरोजगार ग्रेजुएट युवाओं को ₹1,000 महीना भत्ता.
- 12वीं पास को ₹4,000, आईटीआई या डिप्लोमा वालों को ₹5,000 और ग्रेजुएट इंटर्न्स को ₹6,000 महीना मिलेगा.
- 1 लाख इंटर्नशिप अगले कुछ सालों में दी जाएंगी.
राजनीतिक असर: युवाओं को उम्मीद और आर्थिक सहारा देकर एंटी-इनकंबेंसी कम करेगा.
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना
- हर पात्र परिवार की एक महिला को ₹10,000 की शुरुआती मदद.
- बिजनेस बढ़ने पर ₹2 लाख तक की सहायता मिलेगी.
- “हाट बाजार” के ज़रिए महिलाओं के उत्पाद बेचने की सुविधा भी दी जा रही है.
राजनीतिक असर: महिला वोट बैंक में जबरदस्त पकड़, आत्मनिर्भरता का संदेश.
ग्रामीण सड़क और पुल निर्माण योजना
- ₹21,000 करोड़ से ज़्यादा की लागत से 11,000 से अधिक ग्रामीण सड़कें और 700+ छोटे पुल बन रहे हैं.
- गांवों को बाजार, स्कूल और अस्पताल से जोड़ने का लक्ष्य.
राजनीतिक असर: ग्रामीण मतदाताओं को सीधा फायदा, विकास की छवि मजबूत.
आशा, ममता और विकास मित्रों के लिए प्रोत्साहन राशि
आशा कार्यकर्ताओं को अब ₹3,000 महीना, ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव पर ज्यादा राशि.
शिक्षा सेवक और विकास मित्रों को भी भत्ता और टैबलेट-स्मार्टफोन दिए जा रहे हैं.
राजनीतिक असर: ये सभी वर्ग गांव-गांव तक सरकार की योजनाएं पहुंचाते हैं, यानी “ग्राउंड नेटवर्क” मजबूत होगा.
युवा व सांस्कृतिक प्रोत्साहन योजनाएं
- “मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना” के तहत इंटर्नशिप और प्रशिक्षण की सुविधा.
- “मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना” से वरिष्ठ कलाकारों को मदद.
- धार्मिक पर्यटन स्थलों जैसे पुनौरा धाम के विकास से धार्मिक वोट बैंक पर असर.
राजनीतिक असर: संस्कृति और रोजगार दोनों पर एक साथ फोकस.
राजनीतिक विश्लेषण: क्या इन योजनाओं से जीत पक्की?
वर्ग | योजना | असर |
---|---|---|
महिलाएं | महिला रोजगार योजना, फ्री बिजली, पेंशन | महिलाओं का समर्थन मज़बूत करेगा |
युवा | बेरोजगारी भत्ता, इंटर्नशिप | पहली बार वोट करने वाले युवाओं को आकर्षित करेगा |
ग्रामीण मतदाता | सड़क-पुल, फ्री बिजली | विकास का सीधा असर गांव तक |
कार्यकर्ता वर्ग | आशा, ममता, सेवक योजनाएं | प्रचार और जनसंपर्क को बढ़ाएंगी |
गरीब वर्ग | पेंशन, भत्ता, सब्सिडी | सीधा आर्थिक लाभ, भरोसा बढ़ेगा |
विपक्ष की चुनौतियां
- कुछ योजनाओं को विपक्ष “फ्रीबी” बताकर वित्तीय बोझ का मुद्दा उठा रहा है.
- कई योजनाओं का ग्राउंड लेवल इम्प्लीमेंटेशन बड़ा सवाल है. अगर समय पर लाभ नहीं मिला तो नाराजगी बढ़ सकती है.
नतीजा क्या हो सकता है?
- नीतीश कुमार की ये योजनाएं “विकास के साथ जनकल्याण” की छवि पेश करती हैं.
- अगर लाभार्थियों तक फायदा सही समय पर पहुंचा तो यह महिला, युवा और गरीब वोट बैंक को एकजुट कर सकती हैं.
- हालांकि, चुनावी नतीजा इस बात पर निर्भर करेगा कि
- क्या जनता को योजनाओं का असली फायदा मिला या नहीं.