अपने तीखे स्वाद के चलते पूरे देश में मशहूर है लहसुन की यह किस्म, मिल चुका है GI टैग.. 50 क्विंटल तक है पैदावार

रतलाम जिले के रियावन गांव में उगने वाला रियावन लहसुन अब GI टैग प्राप्त कर अंतरराष्ट्रीय पहचान बना चुका है. तीखे स्वाद, बड़ी कलियां और औषधीय गुणों के कारण यह किस्म खास मानी जाती है. प्रति एकड़ 50 क्विंटल तक उत्पादन देकर किसानों को अच्छी आमदनी भी दिला रही है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 21 Sep, 2025 | 03:06 PM

Madhya Pradesh News: सितंबर महीने की शुरुआत के साथ ही किसानों ने लहसुन की रोपाई करने के लिए खेत को तैयार करना शुरू कर दिया है. लेकिन कई किसान लहसुन की किस्मों के लेकर असमंजस में है. वे फैसला नहीं कर पा रहे हैं कि लहसुन की किस वैरायटी की बुवाई की जाए, जिससे कम लगात में बंपर पैदावार मिले. लेकिन अब ऐसे किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम लहसुन की एक ऐसी बेहतरीन किस्म के बारे में बात करेंगे, जिसकी बुवाई करने पर अच्छी आमदनी होगी. खास बात यह है कि इस किस्म को  जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग भी मिला हुआ है. इसकी पैदावर प्रति एकड़ 50 क्विंटल तक है.

दरअसल, हम लहसुन की जिस किस्म के बारे में बात करने जा रहे हैं, उसका नाम रियावन लहसुन  है. यह अपनी उमदा स्वाद और रंगत के लिए पूरे देश में मशहूर है. इसे साल 2024 में जीआई टैग भी मिल गया है. खास बात यह है कि इसकी खेती मध्य प्रदेश के रतलामी जिले होती है. जिले की पिपलौदा तहसील के गांव रियावन में किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. यही वजह है कि गांव ने नाम पर इस किस्म का नाम भी रियावन लहसुन पड़ गया. इस खास किस्म के लहसुन को जीआई टैग मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिली है. साथ ही किसानों को भी फायदा हुआ है.

2022 में चेन्नई में GI टैग के लिए आवेदन किया

रियावन फार्म फ्रेश प्रोड्यूसर कंपनी ने जनवरी 2022 में चेन्नई में GI टैग के लिए आवेदन किया था. लगातार प्रयासों के बाद साल 2024 में मार्च महीने में रियावन लहसुन को जीआई टैग मिला. रियावन लहसुन अपनी खासियत और जबरदस्त उत्पादन के लिए जाना जाता है. इसे जो GI टैग मिला है, उसकी वजह इसका तीखा स्वाद, ज्यादा तेल की मात्रा, औषधीय गुण  बड़ी कलियां और लंबे समय तक स्टोर करने की क्षमता है. इन खासियतों ने रतलाम को लहसुन उत्पादन का बड़ा केंद्र बना दिया है. ऐसे भी राज्य सरकार भी ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना के तहत यहां के लहसुन को बढ़ावा दे रही है.

20 साल से किसान कर रहे इसकी खेती

रियावन में लहसुन की खेती पिछले 20 सालों से पारंपरिक तरीके से की जा रही है. रियावन और आसपास के गांवों में करीब 18,000 हेक्टेयर में लहसुन की खेती हो रही है. इसकी खेती से 700 से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं. इन किसानों ने मिलकर रियावन फार्म फ्रेश प्रोड्यूसर कंपनी बनाई है, जो उन्हें बीज, दवाइयां, तकनीकी सलाह  और मार्केटिंग में मदद देती है. इससे किसानों को बेहतर उत्पादन और बाजार में अच्छी कीमत मिलने में मदद मिल रही है. रियावान लहसुन आमतौर पर सूखे मौसम में उगाया जाता है. कटाई के बाद लहसुन को ठंडी, साफ और हवादार जगह में रखा जाता है. स्टोर करते समय इसे कीड़ों और ज्यादा नमी से बचाया जाता है, ताकि इसकी गुणवत्ता, स्वाद और ताजगी बनी रहे.

रियावन लहसुन की कितनी पैदावार

अनुमान है कि एक एकड़ जमीन पर रियावन लहसुन की खेती से लगभग 50 क्विंटल लहसुन की पैदावार हो सकती है. रियावन लहसुन उगाने वाले किसानों के अनुसार, एक क्विंटल लहसुन की कीमत 10,000 रुपये से 21,000 रुपये तक हो सकती है. एक एकड़ में लहसुन की खेती पर किसानों द्वारा लगभग 40,000 रुपये का निवेश किया जाता है. ऐसे में किसान लगभग 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक कमा सकते हैं.

क्या होता है जीआई टैग

GI मतलब जियोग्राफिकल इंडिकेशन होता है, जो एक एक खास पहचान वाला लेबल होता है. यह किसी चीज को उसके इलाके से जोड़ता है. आसान भाषा में कहें तो ये GI टैग बताता है कि कोई प्रोडक्ट खास तौर पर किसी एक तय जगह से आता है और वही उसकी असली पहचान है. भारत में साल 1999 में ‘जियोग्राफिकल इंडिकेशंस ऑफ गुड्स (रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन) एक्ट’ लागू हुआ था. इसके तहत किसी राज्य या इलाके के खास प्रोडक्ट को कानूनी मान्यता दी जाती है. जब किसी प्रोडक्ट की पहचान और उसकी मांग देश-विदेश में बढ़ने लगती है, तो GI टैग के जरिए उसे आधिकारिक दर्जा मिल जाता है. इससे उसकी असली पहचान बनी रहती है और वह नकली प्रोडक्ट्स से सुरक्षित रहता है.

रियावन लहसुन से जुड़े कुछ आंकड़े

  • साल 2024 में रियावन लहसुन को मिला जीआई टैग
  • साल 2022 में जीआई टैग के लिए किया गया था आवेदन
  • मध्य प्रदेश रतलाम जिले में होती है इसकी खेती
  • इसकी पैदावार 50 क्विंटल प्रति एकड़ है
  • इसकी खेती से 700 से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं
  • यह तीखा स्वाद, अधिक तेल, औषधीय गुण और बड़े आकार की कली के लिए जाना जाता है

Published: 21 Sep, 2025 | 02:57 PM

वाइन उत्पादन में सबसे आगे देश कौन सा है?

Poll Results

इटली
0%
जर्मनी
0%
फ्रांस
0%
अमेरिका
0%