गन्ने की पत्तियां जलाने से कमजोर हो रही मिट्टी की ताकत, सही मैनेजमेंट से बढ़ेगी पैदावार.. मुनाफा भी बंपर

गन्ने की कटाई के बाद पत्तियां जलाना किसानों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है. इससे मिट्टी की ताकत घट रही है और पैदावार पर असर पड़ रहा है. अगर किसान पत्तियों को खेत में मिलाएं, तो मिट्टी उपजाऊ बनेगी, लागत घटेगी और गन्ने का उत्पादन बढ़ेगा.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 13 Dec, 2025 | 07:00 PM

Sugarcane Farming : गन्ना किसानों के लिए कटाई का समय जितना अहम होता है, उतनी ही बड़ी चुनौती होती है खेत में बची सूखी पत्तियां. अक्सर किसान इन्हें जलाकर खेत साफ कर देते हैं, ताकि अगली फसल की तैयारी जल्दी हो सके. लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यही आदत धीरे-धीरे मिट्टी की ताकत को खत्म कर रही है. तो आइए आज जानते हैं, ऐसे में किसानों को गन्ने की पत्तियों को जलाने के बजाय क्या ररना चाहिए ?

गन्ने की पत्तियां जलाना क्यों है नुकसानदेह?

गन्ने की सूखी पत्तियां  जलाने से सबसे पहले पर्यावरण को नुकसान होता है. खेतों से उठने वाला धुआं हवा को प्रदूषित करता है और आसपास के लोगों की सेहत पर भी बुरा असर डालता है. इसके साथ ही आग की तेज गर्मी मिट्टी में मौजूद अच्छे जीवाणुओं को मार देती है. यही जीवाणु मिट्टी को उपजाऊ बनाने में मदद करते हैं. जब ये खत्म हो जाते हैं, तो जमीन की ताकत धीरे-धीरे कम होने लगती है और फसल का उत्पादन  भी घटने लगता है.

गन्ने की पत्तियों का सही मैनेजमेंट कैसे करें?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गन्ने की कटाई  के बाद पत्तियों और फसल अवशेषों को जलाने के बजाय खेत में ही मिलाना सबसे बेहतर तरीका है. इसके लिए ट्रेश मल्चिंग और हल की मदद से पत्तियों को मिट्टी में दबाया जा सकता है. ऐसा करने से ये अवशेष धीरे-धीरे सड़कर खाद बन जाते हैं और मिट्टी को जरूरी पोषक तत्व लौटाते हैं. इससे खेत की नमी बनी रहती है, खरपतवार कम उगते हैं और जमीन लंबे समय तक उपजाऊ रहती है.

किसानों को किया जा रहा जागरूक

रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों को अब फसल अवशेष प्रबंधन के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है. अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए बताया जा रहा है कि पत्तियां जलाने से नुकसान और उन्हें मिट्टी में मिलाने से क्या फायदे होते हैं. इसके साथ ही खेतों में काम आने वाली आधुनिक मशीनें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे किसान आसानी से पत्तियों को खेत में समाहित कर सकें. इससे मेहनत भी कम होती है और समय की भी बचत होती है.

मिट्टी मजबूत होगी, पैदावार अपने आप बढ़ेगी

मौजूदा समय में कई इलाकों की मिट्टी में पोषक तत्वों  की कमी देखी जा रही है, जिसका सीधा असर गन्ने की पैदावार पर पड़ रहा है. अगर किसान गन्ने की पत्तियों को जलाने की बजाय सही तरीके से मैनेज करना शुरू कर दें, तो मिट्टी की सेहत सुधर सकती है. इससे खाद पर खर्च कम होगा, जमीन की नमी  बनी रहेगी और गन्ने की पैदावार में साफ बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. कुल मिलाकर, गन्ने की पत्तियों का सही इस्तेमाल किसानों की आमदनी बढ़ाने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने, दोनों में मददगार साबित हो सकता है.

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Published: 13 Dec, 2025 | 07:00 PM

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