Digital Farming: डिजिटल फार्मिंग, जिसे स्मार्ट फार्मिंग या ई-एग्रीकल्चर भी कहा जाता है, खेती में डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल करके उत्पादन और प्रबंधन को बेहतर बनाने की आधुनिक प्रक्रिया है. सेंसर, ड्रोन, GPS मैपिंग और सैटेलाइट इमेजरी से किसान खेत की पूरी जानकारी रियल टाइम में हासिल कर सकते हैं.
Digital Farming Kya Hai: डेटा एनालिसिस टूल्स की मदद से फसल को पानी, खाद और कीटनाशक की सही मात्रा मिलती है. इसका सीधा फायदा यह होता है कि उत्पादन बढ़ता है और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है. साथ ही इससे फसल की सेहत और मिट्टी की गुणवत्ता का सही आंकलन होता है.
Digital Farming Ke Fayde: डिजिटल उपकरण किसानों को मिट्टी की पीएच लेवल, पोषक तत्वों की स्थिति और फसल में संभावित रोगों का पता लगाने में मदद करते हैं, जिससे समय रहते उचित कदम उठाए जा सकते हैं.
Digital vs Traditional Farming: पारंपरिक खेती की तुलना में डिजिटल फार्मिंग में काम की गति तेज होती है. सही जानकारी के आधार पर फैसले लेने से अनावश्यक खर्च और समय की बचत होती है, जिससे किसान का लाभ बढ़ता है.
Benefits Of Digital Farming: तकनीक आधारित खेती में संसाधनों का सही उपयोग होता है, पानी और उर्वरकों की खपत नियंत्रित रहती है, जिससे पर्यावरण पर असर कम होता है और खेती लंबे समय तक टिकाऊ रहती है.
Digital Farming Benefits: डिजिटल फार्मिंग मौसम के बदलाव, कीटों और फसल संबंधी जोखिमों के पूर्वानुमान में मदद करती है. किसान पहले से तैयार होकर नुकसान से बच सकते हैं और बेहतर योजना बना सकते हैं.