किसानों की होगी तगड़ी कमाई, अगले सीजन में गन्ना और चीनी दोनों के उत्पादन में बड़ी छलांग का अनुमान

गन्ने की बेहतर पैदावार न सिर्फ चीनी उद्योग के लिए राहत की खबर है, बल्कि किसानों के लिए भी बड़ी खुशखबरी है. अच्छी पैदावार से किसानों को बेहतर दाम मिलने की संभावना बढ़ेगी और उनकी आमदनी में इजाफा होगा. इसके साथ ही चीनी की आपूर्ति बढ़ने से बाजार में कीमतों में स्थिरता बनी रह सकती है.

नई दिल्ली | Published: 18 Sep, 2025 | 04:28 PM

 Sugarcane Harvest 2025: देश में गन्ना किसानों और चीनी उद्योग के लिए अच्छी खबर है. मौजूदा हालात को देखते हुए 2025-26 सीजन में गन्ने की रिकॉर्ड पैदावार की उम्मीद की जा रही है. लगातार बेहतर मौसम, समय पर बारिश और सिंचाई की सुविधाओं ने इस फसल को मजबूत सहारा दिया है. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही रफ्तार बनी रही तो आने वाले सीजन में गन्ना उत्पादन बीते सालों के सभी रिकॉर्ड तोड़ सकता है.

गन्ना उत्पादन में जोरदार बढ़त की उम्मीद

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, पिछले पांच वर्षों के औसत के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार गन्ने का उत्पादन लगभग 487 मिलियन टन तक पहुंच सकता है. यह आंकड़ा पिछले सीजन की तुलना में लगभग 8 प्रतिशत ज्यादा है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस बार गन्ने का रकबा भी बढ़ा है. जहां बीते साल गन्ने की खेती लगभग 55.68 लाख हेक्टेयर में हुई थी, वहीं इस साल यह बढ़कर 57.31 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है.

महाराष्ट्र और कर्नाटक बनेंगे अहम खिलाड़ी

इस बार देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में रकबे में हल्की गिरावट देखने को मिल रही है. हालांकि, महाराष्ट्र और कर्नाटक इस कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. महाराष्ट्र में इस साल गन्ने का रकबा बढ़कर 11.96 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि कर्नाटक में यह 7.36 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. वेस्टर्न इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बी.बी. थोंबरे के अनुसार, महाराष्ट्र अगले सीजन में करीब 13 मिलियन टन चीनी का उत्पादन कर सकता है, जिसमें लगभग 1.2 मिलियन टन गन्ना इथेनॉल बनाने में इस्तेमाल होगा.

चीनी उत्पादन में नई ऊंचाई का अनुमान

चीनी उद्योग से जुड़ी संस्थाओं का कहना है कि इस बार मौसम पूरी तरह अनुकूल रहा तो चीनी उत्पादन में भी जोरदार बढ़ोतरी होगी. इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने अनुमान लगाया है कि 2025-26 सीजन में भारत का सकल चीनी उत्पादन 18 प्रतिशत बढ़कर 34.90 मिलियन टन तक पहुंच सकता है. वहीं, अमेरिकी कृषि विभाग ने तो 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का अनुमान जताते हुए 35.3 मिलियन टन चीनी उत्पादन का दावा किया है.

इथेनॉल उत्पादन को भी मिलेगा बढ़ावा

सरकार इथेनॉल उत्पादन पर भी जोर दे रही है. गन्ने की बंपर पैदावार से चीनी मिलों को पर्याप्त कच्चा माल मिलेगा, जिससे इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने की योजना को और गति मिलेगी. ISMA ने सरकार से 2 मिलियन टन चीनी निर्यात की अनुमति और 5 मिलियन टन गन्ने को इथेनॉल उत्पादन के लिए डायवर्ट करने का आग्रह किया है.

किसानों के लिए खुशखबरी

गन्ने की बेहतर पैदावार न सिर्फ चीनी उद्योग के लिए राहत की खबर है, बल्कि किसानों के लिए भी बड़ी खुशखबरी है. अच्छी पैदावार से किसानों को बेहतर दाम मिलने की संभावना बढ़ेगी और उनकी आमदनी में इजाफा होगा. इसके साथ ही चीनी की आपूर्ति बढ़ने से बाजार में कीमतों में स्थिरता बनी रह सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी.

कुल मिलाकर, अनुकूल मौसम, बढ़े हुए रकबे और सरकारी नीतियों के सहारे देश का गन्ना और चीनी उद्योग अगले सीजन में नई ऊंचाइयों को छूने की तैयारी में है.

निम्नलिखित फसलों में से किस फसल की खेती के लिए सबसे कम पानी की आवश्यकता होती है?

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गन्ना
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धान (चावल)
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बाजरा (मिलेट्स)
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केला
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