कटाई के बाद बची गन्ने की पत्तियां बनेंगी वरदान, मिट्टी होगी उपजाऊ और किसान खर्च घटेगा

गन्ने की कटाई के बाद बची पत्तियां बेकार नहीं, खेत के लिए सोना साबित होती हैं. इन्हें जलाने की बजाय खेत में सड़ाया जाए, तो 30-35 दिनों में यह पौष्टिक खाद बन जाती हैं. इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है, खर्च घटता है और अगली फसल भी मजबूत होती है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 2 Dec, 2025 | 06:00 PM

Organic Fertilizer : गन्ने की कटाई शुरू होते ही किसान खेत में बचने वाले पत्तों से परेशान हो जाते हैं. कई किसान इन्हें बेकार समझकर जला देते हैं, लेकिन यही पत्तियां खेत की मिट्टी को सोना बना सकती हैं. अगर इन्हें सही तरीके से खेत में ही सड़ा दिया जाए, तो 30–35 दिनों के अंदर यह पोषक खाद बनकर तैयार हो जाती हैं. इससे न सिर्फ खर्च बचता है, बल्कि अगली फसल भी मजबूत होती है. आज की इस खबर में समझिए कि कटाई के बाद गन्ने की पत्तियों का उपयोग कैसे आपकी खेती में बड़ा बदलाव ला सकता है.

गन्ने की पत्तियां खेत में क्यों छोड़ना है फायदेमंद?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कटाई के बाद खेत  में बड़ी मात्रा में पत्तियां और पताई बच जाती हैं. आमतौर पर किसान इन्हें बोझ समझते हैं और जला देते हैं, जिससे कई नुकसान होते हैं-मिट्टी की उर्वरा शक्ति घट जाती है, अगले मौसम में ज्यादा खाद डालनी पड़ती है और खेत की मिट्टी सख्त हो जाती है. लेकिन अगर इन्हें जलाने की बजाय खेत में ही सड़ाया जाए, तो यह प्राकृतिक खाद में बदल जाती हैं. इन पत्तों में भरपूर कार्बन और पोषक तत्व होते हैं, जो मिट्टी की बनावट सुधारते हैं और धरती को हल्का व उपजाऊ बनाते हैं.

कैसे बदलें सूखी पत्तियों को 30 दिनों में पोषक खाद में?

गन्ने की पत्तियों  को खाद में बदलना बेहद आसान है. इसके लिए किसी बड़े खर्च या ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं पड़ती. सबसे पहले, कटाई के बाद बची पत्तियों को खेत में लाइनों के रूप में फैला दें. फिर खेत में इतना पानी चलाएं कि पत्तियां हल्की-सी डूब जाएं. अब ऑर्गेनो डी-कंपोजर का इस्तेमाल करें. प्रति एकड़ करीब 4 किलो डी-कंपोजर लेना होता है और इसे 2 क्विंटल सड़ी हुई गोबर खाद में अच्छी तरह मिलाएं. इस मिश्रण को पत्तियों के ऊपर फैलाते ही सड़ने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. 30-35 दिनों में ये पत्तियां पूरी तरह घुलकर गहरी, भुरभुरी जैविक खाद बना देती हैं, जो मिट्टी को बहुत ताकत देती है.

पत्तियां खेत में सड़ाने के बड़े और सीधे फायदे

अगर किसान गन्ने की पत्तियों को इसी तरह खेत में सड़ाते हैं, तो उन्हें कई तरह के फायदे मिलते हैं-

  • मिट्टी का स्वास्थ्य सुधरता है
  • खाद पर खर्च घटता है
  • फसल का विकास बेहतर होता है
  • खरपतवार का दबाव कम होता है
  • पानी की बचत होती है

इन फायदों की वजह से किसान बिना अतिरिक्त खर्च के मिट्टी को ज्यादा उपजाऊ बना सकते हैं.

क्यों नहीं जलानी चाहिए गन्ने की पत्तियां?

कई किसान समय बचाने के लिए पत्तियों को जला  देते हैं, लेकिन इससे खेत को कई तरह का नुकसान होता है. जलने से मिट्टी के जरूरी जीव मर जाते हैं, मिट्टी की ऊपरी सतह सख्त हो जाती है और उर्वरा शक्ति घट जाती है. इसके अलावा, धुआं हवा को प्रदूषित करता है और खेत की जैविक गुणवत्ता लगातार गिरती रहती है. इसके बजाय, इन्हें खेत में सड़ाकर किसान अपनी मिट्टी को प्राकृतिक रूप से ताकत दे सकते हैं-वह भी बिल्कुल मुफ्त में.

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