हर कीड़ा खेती को नुकसान नहीं पहुंचाता.. कुछ बचाते हैं फसल, जानिए कैसे करें मित्र कीट की पहचान

कुछ कीट फसल को नुकसान नहीं करते. कुछ कीट फसलों के दोस्त होते हैं, जो दुश्मन कीटों को खाकर फसल की रक्षा करते हैं. इनके संरक्षण से कीटनाशकों पर खर्च घटता है और खेती अधिक सुरक्षित व लाभकारी बनती है.

Kisan India
नोएडा | Published: 28 Sep, 2025 | 12:04 PM

किसानों को अक्सर यह बताया जाता है कि कीड़ेमकोड़े फसलों के लिए नुकसानदेह होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, हर कीट फसल का दुश्मन नहीं होता? कुछ कीट ऐसे भी होते हैं जो खेतों में शत्रु कीटों को खत्म करके फसलों की रक्षा करते हैं. इन्हें मित्र कीट कहा जाता है. खेती को ज्यादा फायदेमंद और रसायनमुक्त बनाने में इनका बड़ा योगदान होता है. इस खबर में हम जानेंगे कौन से कीट दुश्मन हैं, कौन से दोस्त हैं और कैसे करें उनकी पहचान और संरक्षण.

पहचानिए शत्रु कीट-जो फसल को कर देते हैं बर्बाद

सबसे पहले जानना जरूरी है कि कौन से कीट वाकई फसल के दुश्मन हैं. ऐसे कुछ प्रमुख शत्रु कीट इस प्रकार हैं:-

  • टिड्डा (Grasshopper): यह भूरे रंग का बड़ा कीट होता है जो पत्तियों, तनों और फलों को चट कर जाता है. एक ही रात में पूरा खेत साफ कर सकता है.
  • व्हाइट ग्रब (White Grub): यह कीट जमीन के नीचे छिपा होता है और फसल की जड़ों को खा जाता है. पौधे सूखने लगते हैं और पूरा खेत बर्बाद हो सकता है.
  • तना छेदक (Stem Borer): यह कीड़ा धान, गेहूं, मिर्च और बैंगन जैसी फसलों के तनों में छेद कर अंदर से नुकसान पहुंचाता है, जिससे उत्पादन घट जाता है. इन शत्रु कीटों की पहचान करके समय पर नियंत्रण जरूरी होता है.

मिलिए फसलों के असली रखवालों से-मित्र कीट

अब बात करते हैं मित्र कीटों की, जो किसानों के लिए किसी दोस्त से कम नहीं हैं. ये कीट खुद शत्रु कीटों को खाकर खेत को साफ रखते हैं. कुछ प्रमुख मित्र कीट ये हैं:-

  • रेड लेडी बर्ड बीटल (Red Ladybird Beetle): यह छोटा कीट होता है जो फसलों पर लगने वाले एफिड्स (छोटे कीड़े) को खाकर फसल को नुकसान से बचाता है.
  • मैटिंस (Mantis): यह कीट अन्य कीटों को पकड़कर खा जाता है. यह खासकर सब्जियों और फूलों की खेती में काफी फायदेमंद होता है.
  • ट्राईकोड्रामा (Trichoderma): यह एक प्रकार का सूक्ष्मजीव है जो शत्रु कीटों के अंडों को नष्ट कर देता है. इसका उपयोग जैविक तरीके से फसल की सुरक्षा में होता है.

मित्र कीटों का संरक्षण क्यों है जरूरी?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मित्र कीट खेतों में जैविक संतुलन बनाए रखते हैं. ये कीट न हों तो किसानों को हर बार कीटनाशक दवाओं पर निर्भर रहना पड़ेगा. अधिक मात्रा में रासायनिक कीटनाशकों के इस्तेमाल से ये लाभकारी कीट भी मर जाते हैं. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि दवाओं का छिड़काव सोच-समझकर और आवश्यकता अनुसार ही करें.

मित्र कीटों की पहचान और संख्या बढ़ाने के उपाय

मित्र कीटों की संख्या बढ़ाने के लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं:-

  • जैविक खेती को बढ़ावा दें.
  • हर मौसम में खेत के किनारे फूलों के पौधे लगाएं, ताकि ये कीट आकर्षित हों.
  • जरूरत से ज्यादा कीटनाशक न छिड़कें.
  • नीम आधारित कीटनाशकों का इस्तेमाल करें, जिससे शत्रु कीट तो खत्म हो लेकिन मित्र कीट बचे रहें.
  • फसल अवशेषों को तुरंत न जलाएं, क्योंकि कई मित्र कीट वहीं पर अंडे देते हैं.

कीटनाशक से पहले कीट की पहचान करें

कई बार किसान बिना कीट की पहचान किए दवा का छिड़काव कर देते हैं. इससे मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं और खेत में असंतुलन पैदा होता है. इसलिए हमेशा पहले यह देखें कि जो कीट नजर आ रहा है, वह नुकसान कर रहा है या शत्रु कीट को खा रहा है. प्राकृतिक कीट नियंत्रण ही सच्चा समाधान है- विशेषज्ञों का मानना है कि फसलों को ज्यादा सुरक्षित और टिकाऊ बनाना है तो मित्र कीटों को समझना और बचाना जरूरी है.

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