Groundnut Farming: मूंगफली की खेती करने वाले किसानों को अकसर इस बात की चिंता सताती है कि उनकी फसल में कहीं तना सड़न रोग का हमला न हो जाए. ये रोग न केवल फसल को नष्ट करता है, बल्कि किसानों के सामने भी गहरा आर्थिक संकट खड़ा हो जाता है. इस गंभीर समस्या के बीच अब मूंगफली किसानों के लिए एक अच्छी खबर आई है. ICAR के कृषि वैज्ञानिकों ने नई रिसर्च की है जो कि मूंगफली की फसल को तना सड़न रोग (Stem Rot) जैसी गंभीर बीमारी से बचा सकती है. बता दें कि, तना सड़न रोग मूंगफली को 80 फीसदी तक नुकसान पहुंचाता है जो कि किसानों की आमदनी पर सीधा असर डालती है और उनके लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाती है.
रिसर्च में नए जीन की खोज
मूंगफली को तना सड़न जैसे गंभीर रोग के बचाने के लिए इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT), ICAR–भारतीय मूंगफली अनुसंधान संस्थान, चाइनीज एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज, एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. इन वैज्ञानिकों ने 13 जीनोमिक क्षेत्र और 145 जीन की खोज की है दो कि मूंगफली को तना सड़न रोग से बचाने में मदद कर सकते हैं.
3 जीनों को खास तौर पर चुना गया है
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च में खोजे गए जीन में से तीन जीन को खासतौर पर चिन्हित किया गया है. ये 3 जीन वो हैं जो कि मूंगफली की फसल को 60 फीसदी तक तना सड़न रोग से बचा सकते हैं. इसके साथ ही इस रिसर्च की मदद से वैज्ञानिक अब ऐसी किस्मों को विकसित करने की कोशिश करेंगे जो न केवल रोगों से लड़ने की क्षमता रखती हों बल्कि मौसम की मार को भी सहने करने के काबिल हों.
कीटनाशकों पर निर्भरता होगी कम
इक्रीसैट के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. मनीष पांडे बताते हैं कि इस खोज की मदद से न केवल ऐसी किस्में विकसित की जा सकती हैं जो अच्छी और उन्नत क्वालिटी की उपज दें बल्कि ये किस्में ऐसी भी होंगी जो कि किसानों की कीटनाशकों और दवाओं पर होने वाली लागत को भी काफी हद तक कम करेंगी. वहीं, ICAR के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक के अनुसार, इस नई रिसर्च से मूंगफली को तना सड़न रोग से बचाने के साथ-साथ हर साल सैकड़ों मिलियन डॉलर का नुकसान भी रोका जा सकेगा. मूंगफली की खेती करने वाले किसानों के लिए ये नई खोज आने वाले दिनों में एक वरदान साबित हो सकती है.