Maharashtra News: महाराष्ट्र के नवी मुंबई में टमाटर सस्ता हो गया है. खासकर गणेशोत्सव के बाद से टमाटर की कीमतों में लगातार गिरावट आई है. एपीएमसी थोक बाजार में टमाटर अब 10 से 16 रुपये प्रति किलो हो गया है. जबकि, रिटेल मार्केट में 20 से 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. कहा जा रहा है कि बारिश की वजह से टमाटर की फसल और गुणवत्ता दोनों को नुकसान पहुंचा है. इसके चलते कीमतों में गिरावट आ रही है. वहीं, गिरते कीमत की वजह से किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. ऐसे में वे परिवहन खर्च तक नहीं निकाल पा रहे हैं, जबकि दुकानदार इस गिरावट का फायदा ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट्स का मानना है कि दो हफ्ते बाद दाम बढ़ सकते हैं, क्योंकि बारिश से खराब हुई फसल हटेगी. जब अच्छी क्वालिटी के टमाटर मार्केट में आएंगे, तो कीमतें आपने आप बढ़ जाएंगी. खास बात यह है कि पिछले महीने टमाटर की कीमत 60 से 80 रुपये प्रति किलो थी, जो अब आधी रह गई है. सोलापुर के बार्शी गांव के किसान पांडुरंग गुलवे ने कहा कि लगातार बारिश की वजह से टमाटर के दाम इतने गिर गए कि अब अगली फसल के बारे में सोचना पड़ रहा है. हम तो टमाटर मंडी तक पहुंचाने का खर्च भी नहीं निकाल पा रहे हैं.
नई फसल आने में अभी लगेगा समय
उन्होंने कहा कि देश के दूसरे राज्यों से अच्छी क्वालिटी के टमाटर की उम्मीद भी कम है, क्योंकि ज्यादातर उत्पादन वाले इलाके भारी बारिश से बुरी तरह प्रभावित हैं. मौसम विभाग ने पहले कहा था कि सितंबर के मध्य तक मॉनसून खत्म हो जाएगा, लेकिन अब यह और बढ़ने की संभावना है. APMC सब्जी व्यापारी संघ के प्रमुख बाबासाहेब बदाडे ने कहा कि आने वाले दो हफ्तों में टमाटर की सप्लाई कम हो जाएगी और नई फसल आने में समय लगेगा. घर की गृहिणी अश्विनी शेलर ने बताया कि रिटेल मार्केट में टमाटर की कीमत थोक से ज्यादा है, जबकि सप्लाई की मात्रा वही बनी हुई है. थोक व्यापारी और किसान दोनों ही गिरती कीमतों से नाखुश हैं. किसान अपनी फसल मंडी भेजने में कम रुचि दिखा रहे हैं, क्योंकि ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ गया है.
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टमाटर की गुणवत्ता खराब होने की वजह से नुकसान
रिटेलर अशोक साहू ने कहा कि टमाटर की गुणवत्ता खराब होने की वजह से हमें नुकसान उठाना पड़ रहा है. वाशी APMC के एक थोक व्यापारी ने कहा कि कीमतें रोज बदल रही हैं, क्योंकि नारायणगांव, जुनार, नासिक, पुणे जैसे इलाकों में उत्पादन प्रभावित हुआ है. जो किसान अच्छे मुनाफे की उम्मीद में निवेश किए थे, उन्हें अपनी लागत निकालने में दिक्कत हो रही है. सरकार को इस संकट के समय खुदरा कीमतों पर नियंत्रण रखना चाहिए, ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा हो.