बारिश से 5 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसलें बर्बाद, बैठक में CM का बड़ा फैसला.. जानें कब मिलेगा मुआवजा

महाराष्ट्र के 17 जिलों में भारी बारिश से 5.5 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खरीफ फसलें बर्बाद हो गई हैं. मराठवाड़ा और विदर्भ सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. मुख्यमंत्री ने मुआवजे के निर्देश दिए हैं, जबकि किसान जल्द सर्वे और राहत की मांग कर रहे हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 22 Aug, 2025 | 03:08 PM

महाराष्ट्र के कई जिलों में बारिश से फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. कृषि विभाग की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के 17 जिलों में 5.5 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खरीफ फसलें बारिश से खराब हो गई हैं. सबसे ज्यादा नुकसान मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में हुआ है, जहां सोयाबीन और कपास की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. ऐसे में किसानों ने मुआवजे की मांग की है. जबकि, अधिकारी ने कहा कि जून महीने तक का पंचनामा पूरा हो चुका है और जुलाई व अगस्त का सर्वे अगले कुछ हफ्तों में पूरा कर लिया जाएगा.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक,  कैबिनेट मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पिछले तीन-चार दिनों से हो रही लगातार बारिश ने फसलों के साथ-साथ मवेशियों को भी नुकसान पहुंचाया है. सभी जिलों के कलेक्टरों को राष्ट्रीय आपदा राहत निधि (NDRF) के नियमों के तहत मुआवजा देने के अधिकार दिए गए हैं. वहीं, कृषि विभाग के निदेशक रफीक नाइकवाड़ी ने कहा है कि अब तक सबसे ज्यादा नुकसान नांदेड़ जिले में हुआ है, जहां करीब 2,59,789 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है.

इन जिलों में फसलों को भारी नुकसान

कहा जा रहा है कि मराठवाड़ा के अलावा अन्य जिलों में भी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. हिंगोली में 56,806 हेक्टेयर, परभणी में 21,092 हेक्टेयर और धाराशिव में 15,326 हेक्टेयर फसलें बारिश से बर्बाद हुई हैं. इसके अलावा, बीड में 2,045 हेक्टेयर, लातूर में 2,060 हेक्टेयर और छत्रपति संभाजीनगर में 1,252 हेक्टेयर में फसल नुकसान की जानकारी मिली है.

15,695 किसान हुए प्रभावित

इस बार की बारिश में जालना अकेला ऐसा जिला रहा जहां फसलों को कोई नुकसानहीं हुआ. वहीं, जलगांव जिले में शुक्रवार और शनिवार को हुई भारी बारिश से खरीफ फसलें 12,326 हेक्टेयर में खराब हो गईं. राज्य कृषि विभाग की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा नुकसान कपास और मक्का की फसलों को हुआ है. जलगांव के आठ तालुकों के 269 गांवों के 15,695 किसान फसल नुकसान से प्रभावित हुए हैं. इनमें 5,172 हेक्टेयर में मक्का, 4,995 हेक्टेयर में कपास और 869 हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल बर्बाद हुई है. इसके अलावा ज्वार, बाजरा, उरद, मूंग और अन्य खरीफ फसलें भी आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं.

सर्वे अगले कुछ हफ्तों में पूरा कर लिया जाएगा

इस बीच, विपक्ष ने सरकार पर फसल नुकसान के पंचनामा में देरी और मुआवजा वितरण में लापरवाही का आरोप लगाया है. कृषि अधिकारियों का कहना है कि भारी बारिश के कारण प्रभावित खेतों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है, जिससे समय पर नुकसान का आकलन नहीं हो पा रहा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जून महीने तक का पंचनामा पूरा हो चुका है और जुलाई व अगस्त का सर्वे अगले कुछ हफ्तों में पूरा कर लिया जाएगा.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 22 Aug, 2025 | 03:04 PM

फलों की रानी किसे कहा जाता है?

Side Banner

फलों की रानी किसे कहा जाता है?