Paddy Farming: बरसात के बाद देशभर के धान किसानों की फसल खेत में लहलहा रही है. कुछ हिस्सों में धान की फसल में बालियां आ चुकी हैं तो वहीं कुछ इलाकों में धान में बालियां आने की तैयारी में है. किसान भी खेत में अपनी लहलहाती फसल देखकर खुश हैं. लेकिन बरसात के बाद के ये दिन धान किसानों के लिए जितने जरूरी हैं उतने ही संवेदनशील भी हैंत क्योंकि यही वो समय है जब ज्यादा नमी होने के कारण धान की फसल में खतरनाक कीटों के हमले का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में अगर समय रहते इन कीटों को कंट्रोल न किया जाए तो धान की पूरी की पूरी फसल चौपट हो सकती है और किसानों का भी बड़ा नुकसान हो सकता है. तो आइए जान लेते हैं धान की फसल में लगने वाले 3 खतरनाक कीट और उनके बचाव के उपाय.
1- तना छेदक कीट (Stem Borer)
धान की फसल (Paddy Crop) में इस कीट के आक्रमण से पौधों के बीच का पत्ता पीला पड़ जाता है और ये आसानी से हाथ से खींचने पर बाहर आ जाता है. इस कीट के प्रकोप से धान में बालियां नहीं बनती हैं और पौधे की ग्रोथ रुक जाती है. इस कीट से धान की फसल को बचाने के लिए फसल लगाने से पहले खेत की गहरी जुताई करें, ताकि मिट्टी में छिपे कीटाणु मर जाएं. इसके अलावा जब फसल 30 से 35 दिन पुरानी हो जाए तो उसपर ट्राइजोफॉस, क्लोरोपायरीफॉस, या फ्लूबेंडामाइड जैसे कीटनाशकों का छिड़काव करें.
2- भूरी टिड्डी (Brown Plant Hopper)
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भूरी टिड्डी को पहचानने का मुख्य लक्षण है पौधों का नीचे से सूखना और ऊपर की पत्तियों का हरा बना रहना. ये कीट तनों के पास छुप कर उनका रस चूसता रहता है. इस कीट से धान की फसल को बचाने के लिए सबसे बड़ा उपाय ये है कि खेत में पानी न भरने दें. साथ ही प्रकोप ज्यादा बढ़ जाने पर फसल पर इमिडाक्लोप्रिड, थायामेथॉक्सम, या फिप्रोनिल जैसे कीटनाशकों का छिड़काव करें. इसके अलावा किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसल पर नीम आधारित जैविक कीटनाशक का भी इस्तेमाल करें.
3- गंधी बग कीट (Stink Bug)
गंधी बग की सबसे बड़ी पहचान है कि ये कीट दानों का रस चूसता है जिससे दाने अधपके रह जाते हैं या फिर खोखले हो जाते हैं. ये कीट धान की फसल के पकने के समय बालियों में नजर आते हैं. जिससे न केवल पौधे की ग्रोथ रुकती है बल्कि उपज की क्वालिटी पर भी बुरा असर पड़ता है. इस कीट को रोकने के लिए किसान बालियां आने के समय फसल पर मेलाथियॉन, कार्बारिल, या जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें. साथ ही फसल कटाई के बाद खेत में फसल अवशेष जला दें.