ग्रामीण इलाकों में सड़क पर सामान बेचने वालों के बनेंगे लाइसेंस, जानें नया नियम

ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले विक्रेता अब बिना लाइसेंस सामान नहीं बेच पाएंगे. लाइसेंस पाने के लिए विक्रेताओं की पुलिस वेरिफिकेशन की जाएगी.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 27 Sep, 2025 | 10:55 AM

Street Vending License: हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अब सामान बेचने वाले छोटे व्यापारियों को सरकारी मान्यता मिलने जा रही है. राज्य सरकार ने पंचायती राज विभाग के माध्यम से स्ट्रीट वेंडिंग लाइसेंस के नियम लागू किए हैं. इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले विक्रेता व्यवस्थित तरीके से अपना व्यापार कर सकें, उन्हें कानूनी सुरक्षा मिले और आम जनता को भी परेशानी का सामना न करना पड़े.

लाइसेंस प्रक्रिया

ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले विक्रेता अब बिना लाइसेंस सामान नहीं बेच पाएंगे. लाइसेंस पाने के लिए विक्रेताओं की पुलिस वेरिफिकेशन की जाएगी. यदि कोई विक्रेता एक से अधिक पंचायतों में अपना व्यापार करना चाहता है, तो उसे खंड विकास अधिकारी के पास आवेदन करना होगा.

लाइसेंस प्रक्रिया के तहत विक्रेताओं का फार्म भरा जाएगा, जिसमें उनका फोटो, पहचान और व्यवसाय का विवरण शामिल होगा. इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि विक्रेताओं को कानूनी सुरक्षा भी मिलेगी. यह कदम छोटे व्यापारियों के लिए भरोसेमंद और सुरक्षित व्यापार सुनिश्चित करने में मदद करेगा.

फुटपाथ पर बिक्री पर रोक और सुरक्षित स्थान

सरकार ने तय किया है कि फुटपाथ पर बिना अनुमति बिक्री पर पूरी तरह से रोक होगी, ताकि राहगीरों और आम जनता को कोई असुविधा न हो.

पंचायतें अपनी आम या विशेष बैठक में प्रस्ताव पारित कर किसी क्षेत्र को ‘प्राकृतिक बाजार’ घोषित करेंगी. इस प्रकार, विक्रेताओं को व्यापार के लिए पर्याप्त और सुरक्षित स्थान मिलेगा. प्रत्येक विक्रेता को न्यूनतम चार फुट चौड़ा और चार फुट लंबा स्थान दिया जाएगा.

शुल्क और वैधता

लाइसेंस पाने वाले विक्रेताओं को निर्देशक, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज द्वारा तय किए गए विक्रय शुल्क का भुगतान करना होगा. यह शुल्क पंचायत द्वारा निर्धारित किया जाएगा. जारी किए गए लाइसेंस की वैधता एक वर्ष की होगी, जिसे हर साल नवीनीकृत किया जा सकेगा. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि सभी विक्रेता नियमों के अनुसार काम करें और बाजार में व्यवस्थित तरीके से व्यवसाय चलाएं.

आयु और पात्रता

इस योजना के तहत 18 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले लोग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं. योजना का उद्देश्य छोटे व्यापारियों को वैध और सुरक्षित दर्जा देना है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में उनका व्यापार बढ़ सके और वे कानूनी रूप से अपने व्यवसाय को चला सकें.

फायदे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर असर

विशेषज्ञों का मानना है कि स्ट्रीट वेंडिंग लाइसेंस से विक्रेताओं को सुरक्षा और मान्यता मिलेगी. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवस्थित बाजार व्यवस्था स्थापित होगी, जिससे लोगों की आवाजाही सुगम होगी और व्यापार में सुधार आएगा.

यह पहल छोटे व्यापारियों को न केवल व्यापार में विश्वास और अवसर देती है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करती है. इससे स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बनेंगे. सरकारी मान्यता और लाइसेंस से विक्रेता अपने व्यापार को सुरक्षित और कानूनी रूप से चला पाएंगे, जो हिमाचल प्रदेश के छोटे व्यवसायियों के लिए एक बड़ी राहत और अवसर साबित होगी.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 27 Sep, 2025 | 10:53 AM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%