FPO Conclave 2025: देश की राजधानी में आज से शुरू हुआ राष्ट्रीय एफपीओ समागम 2025 किसानों और कृषि उद्यमिता की नई दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है. दो दिवसीय यह आयोजन नई दिल्ली के एनसीडीसी-एनसीयूआई परिसर, हौज खास में किया जा रहा है, जहां देशभर के 24 राज्यों और 140 जिलों से 500 से अधिक किसान, 267 एफपीओ, कृषि विशेषज्ञ, स्टार्टअप प्रतिनिधि और क्रेता-विक्रेता जुटे हैं. इस आयोजन का उद्घाटन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया.
कृषि सशक्तीकरण का नया अध्याय
यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “कृषि सशक्तीकरण” संकल्प के अनुरूप आयोजित किया गया है. इसका मकसद किसानों को एकजुट कर कृषि को आत्मनिर्भर और लाभकारी बनाना है. एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) के जरिए छोटे किसानों को बाजार तक पहुंच, तकनीकी सहायता और उत्पादन मूल्यवर्धन के अवसर मिलते हैं. यही कारण है कि यह समागम देशभर में चल रही 10,000 एफपीओ गठन योजना की उपलब्धियों का भी उत्सव बन गया है.
देशभर से आए 267 एफपीओ पेश कर रहे हैं अपने उत्पाद
समागम में 267 एफपीओ अपने विविध उत्पादों की प्रदर्शनी कर रहे हैं. इनमें अनाज, दालें, बाजरा, मसाले, फल-सब्जियां, शहद, डेयरी उत्पाद, जैविक खाद्य, हर्बल उत्पाद, चाय-कॉफी, अचार, जैम और पारंपरिक ग्रामीण उत्पाद शामिल हैं.
एनसीडीसी परिसर में लगे 57 विशेष स्टॉल किसानों की मेहनत और नवाचार का परिचय दे रहे हैं. इन प्रदर्शनों का उद्देश्य यह दिखाना है कि ग्रामीण उत्पादों में कितना बड़ा व्यापारिक और निर्यात संभावनाएं छिपी हैं.
“एक भारत – एक कृषि” का संदेश
इस बार का आयोजन “एक भारत – एक कृषि” की भावना पर केंद्रित है. कृषि मंत्रालय के अनुसार, एफपीओ समागम देश के अलग-अलग राज्यों के किसानों को एक मंच पर लाकर सहयोग, तकनीकी साझेदारी और बाजार एकीकरण की दिशा में ठोस कदम है. इससे कृषि को एक संगठित और प्रतिस्पर्धी उद्योग के रूप में स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त होगा.
10 प्रमुख विषयों पर होगी गहन चर्चा
दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में कृषि जगत के विशेषज्ञ 10 महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन करेंगे. तिलहन उत्पादन में मूल्य संवर्धन, जल संरक्षण, प्राकृतिक खेती के बाजार अवसर, कृषि अवसंरचना कोष, मधुमक्खी पालन और शहद प्रसंस्करण, डिजिटल कॉमर्स, कीटनाशक और उर्वरक प्रबंधन, बीज उत्पादन, एगमार्क प्रमाणन और क्रेता-विक्रेता संपर्क जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी.
वहीं, फ्लिपकार्ट, राष्ट्रीय बीज निगम, राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड और एचआईएल जैसी संस्थाएं अपने सत्रों में किसानों को नई तकनीक और व्यावसायिक अवसरों से जोड़ेंगी.
पुरस्कार और ई-कॉमर्स से जुड़ाव
कार्यक्रम के दौरान उन एफपीओ और संस्थाओं को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने किसानों को डिजिटल रूप से सशक्त किया है या बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. साथ ही समर्पित क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिससे किसान सीधे ई-कॉमर्स कंपनियों और बड़े उद्योगों से जुड़ सकेंगे.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई उड़ान
राष्ट्रीय एफपीओ समागम 2025 सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं बल्कि ग्रामीण उद्यमिता का उत्सव है. यह आयोजन यह साबित करता है कि जब किसान एकजुट होते हैं, तो खेती सिर्फ जीविका नहीं बल्कि व्यवसाय का माध्यम बन जाती है. एफपीओ की ताकत के साथ देश की कृषि अब पारंपरिक सीमाओं से निकलकर आधुनिक बाजार और तकनीकी विकास की ओर बढ़ रही है. आने वाले समय में यह समागम किसानों की आय दोगुनी करने और ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है.