Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में इस बार दलहन और तिलहन के उत्पादन में बंपर उत्पादन हुआ है. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि राज्य में किसानों को मुफ्त में 45 लाख से ज्यादा मिनी किट्स (दलहन और तिलहन की) बांटी गई हैं. इसके अच्छे नतीजे सामने आए हैं. दलहन उत्पादन 23 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 30 लाख मीट्रिक टन हो गया है, वहीं सरसों और राई का उत्पादन 12 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 26 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने ये जानकारी झांसी और चित्रकूट धाम मंडलों की संयुक्त रबी उत्पादकता सम्मेलन-2025 में दी, जो दीनदयाल ऑडिटोरियम में हुआ. मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही बुंदेलखंड में दलहन और तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे मौसम और पानी की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए इन फसलों की खेती पर ज्यादा ध्यान दें, ताकि उन्हें बेहतर मुनाफा हो सके.
योजनाओं का मकसद है किसानों की आमदनी बढ़ाना
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय किसानों के लिए एक वरदान है, क्योंकि वहां जो शोध हो रहे हैं, उनसे फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में शुरू की गई ‘पीएम धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘पल्सेस आत्मनिर्भरता मिशन’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का मकसद किसानों की आमदनी बढ़ाना, कृषि क्षेत्र को मजबूत करना और देश को आत्मनिर्भर बनाना है.
इन जिलों की हुई पहचान
इस उद्देश्य के लिए देशभर में ऐसे 100 जिलों की पहचान की गई है, जहां राष्ट्रीय औसत की तुलना में उत्पादन कम है. इन 100 जिलों में झांसी और चित्रकूट धाम मंडलों के 7 जिले शामिल हैं, जिनके नाम झांसी, जालौन, ललितपुर, चित्रकूट, बांदा, महोबा और हमीरपुर हैं. इसी तरह, बुंदेलखंड में दलहन की पहचान को और मजबूत करने और किसानों को दलहन उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ‘पल्सेस आत्मनिर्भरता मिशन’ शुरू किया गया है.
रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करें
कृषि विभाग के प्रमुख सचिव रविंद्र ने किसानों से अपील की कि वे केवल मानक अनुसार ही रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करें. उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि उर्वरक की उपलब्धता पर्याप्त रहेगी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि किसान बीमा योजना का लाभ पारदर्शी तरीके से किसानों तक पहुंचाया जा रहा है. अगर इसमें किसी भी कर्मचारी की लापरवाही पाई गई तो जांच के बाद उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.