PM Modi Agriculture: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से आग्रह किया है कि वे केवल गेहूं और चावल की खेती तक सीमित न रहें, बल्कि पौष्टिक और उच्च मूल्य वाली फसलें उगाएं. उन्होंने कहा कि हमें आयात कम करना होगा और ऐसी फसलें उगानी होंगी जो न सिर्फ देश में, बल्कि विदेशों तक पहुंच सकें. यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और भारत को खाद्य आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम है.
पोषण और सुरक्षा दोनों जरूरी
पीएम मोदी ने किसानों को समझाया कि आटा और चावल खाने की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं, लेकिन पौष्टिकता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, केवल पारंपरिक गेहूं और चावल तक सीमित न रहें, बल्कि दाल, दलहन, दलिया और अन्य पौष्टिक फसलों की ओर ध्यान दें. इससे किसान न केवल अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकेंगे, बल्कि देश की पोषण सुरक्षा और आत्मनिर्भरता में भी योगदान देंगे. उन्होंने कहा कि दलहन जैसे प्रोटीन युक्त फसलें भारतीय शाकाहारी आबादी के लिए बेहद जरूरी हैं. इसके लिए सरकार ने ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ की शुरुआत की है.
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन
इस मिशन के तहत सरकार 2030-31 तक दलहन उत्पादन को वर्तमान 25.24 मिलियन टन से बढ़ाकर 35 मिलियन टन करने का लक्ष्य रख रही है. पिछले साल देश ने रिकॉर्ड 6.9 मिलियन टन दालें आयात की थीं. इस योजना की कुल लागत 11,440 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य देश को दाल में आत्मनिर्भर बनाना और आयात पर निर्भरता कम करना है.
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM-DDKY) का भी शुभारंभ किया. यह योजना 100 पिछड़े जिलों में कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने पर केंद्रित है. इस योजना के तहत फसल की पैदावार बढ़ाने, फसल विविधता लाने, सिंचाई और भंडारण में सुधार, और क्रेडिट की सुविधा सुनिश्चित करने जैसे कदम उठाए जाएंगे. योजना का कुल बजट 24,000 करोड़ रुपये है और इसे केंद्र और राज्य की अन्य योजनाओं के साथ जोड़ा गया है.
किसानों और देश के लिए अवसर
पीएम मोदी ने कहा कि ये योजनाएं किसानों को नई तकनीक, बेहतर बीज और आधुनिक कृषि प्रणाली उपलब्ध कराकर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाएंगी. साथ ही, यह कदम भारत की खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाने और देश को विश्व स्तर पर खाद्य निर्यात में अग्रणी बनाने में मदद करेगा. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और खेती में विविधता लाकर अपनी आय बढ़ाएं.
प्रधानमंत्री ने यह भी जोर देकर कहा कि किसानों को अब सरकार की ओर से मिले इन अवसरों का पूरा लाभ उठाना चाहिए. योजनाओं का उद्देश्य सिर्फ उत्पादन बढ़ाना नहीं है, बल्कि किसानों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने योग्य बनाना, कृषि को तकनीकी रूप से सशक्त करना और हर खेत को लाभकारी बनाना है. यह समय किसानों के लिए एक नए युग की शुरुआत का है, जहां वे आत्मनिर्भर बनकर देश की कृषि को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं.