पीएम मोदी का किसानों को 42 हजार करोड़ का तोहफा, कृषि धन धान्य योजना और दलहन मिशन की शुरुआत 

कृषि क्षेत्र के विकास के लिए आज 11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों दो बड़ी योजनाओं की शुरुआत होने जा रही है. इससे कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ ही किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के साथ कृषि विकास का नया रास्ता बनेगा.

रिजवान नूर खान
नई दिल्ली | Updated On: 11 Oct, 2025 | 10:24 AM

PM Krishi Dhan Dhanya Yojana: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम मोदी आज किसानों को 42 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात देंगे. पीएम आज ‘पीएम धन-धान्य योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ की शुरुआत करेंगे. किसानों की आय और दलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए नई उन्नत किस्मों के बीज, मुफ्त मिनी किट जारी करने की शुरुआत करेंगे. पीएम पूसा कैंपस में किसानों से मुलाकात करेंगे और अच्छा प्रदर्शन करने वाले कृषि उत्पादक संगठनों को सम्मानित करेंगे.

कृषि मंत्री ने कहा कि आज 11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कई योजनाओं, पहलों की शुरुआत होने जा रही है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ने देश के विकास में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है. अब हमारे काम की तुलना पिछली सरकारों के कामकाज से नहीं बल्कि वैश्विक मानदंडों के आधार पर होगी. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में भारत उत्कृष्ट उपलब्धियां अर्जित कर रहा है और इसी तरह आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निश्चित ही दुनिया का फूड बास्केट बनेगा.

10 साल में 40 फीसदी बढ़ा खाद्यान्न उत्पादन

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने को लेकर तत्परता से काम कर रही है. 2014 से अब-तक खाद्यान्न उत्पादन में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. गेहूं, चावल, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन के उत्पादन में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि आज गेहूं और चावल के विषय में हम पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं. 4 करोड़ से ज्यादा कृषि उत्पादों का निर्यात किया गया है. लेकिन दलहन के मामले में अभी और प्रयास करने की जरूरत है.

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक भी है उपभोक्ता भी है लेकिन बावजूद इसके सबसे ज्यादा दालों का आयात भारत ही करता है. दलहन के मामले में अभी हम पूरी तरह से आत्मनिर्भर नहीं हुए हैं। इसलिए दालों में आत्मनिर्भरता के लिए ‘दलहन मिशन’ की योजना बनाई गई है.

दलहन का रकबा बढ़ाकर 275 लाख हेक्टेयर करेंगे

केंद्रीय मंत्री ने ‘दलहन मिशन’ के तहत बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की बात कही. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2030-31 तक दालों के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी करना है. वर्तमान में बुवाई क्षेत्रफल 275 लाख हेक्टेयर है जिसे बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर किया जाएगा. साथ ही उन्होंने दालों के उत्पादन में बढ़ोतरी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अभी दालों का उत्पादन 242 लाख टन है जिसे बढ़ाकर 350 लाख टन किया जाएगा. अभी उत्पादकता 880 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है जिसे बढ़ाकर 1,130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर करने का प्रयास होगा.

126 लाख क्विंटल उन्नत बीज किसानों को दिए जाएंगे

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दलहन से जुड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अनुसंधान और विकास की रणनीति बनाई गई है. उच्च उत्पादकता वाली, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल किस्मों का विकास करने पर बल दिया जा रहा है और ऐसी किस्में किसानों तक सही समय पर पहुंचे, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अच्छे बीज किसानों तक ‘मिनी किट्स’ के रूप में पहुंचाए जाएंगे. 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों को वितरित किया जाएगा. 88 लाख नि:शुल्क बीज के किट भी बांटे जाएंगे.

उन्होंने कहा कि दलहन बुवाई वाले क्षेत्रों में ही यदि प्रोसेसिंग का काम हो जाए तो किसानों को उत्पादन के ठीक दाम भी मिलेंगे और प्रोसेसिंग का काम भी वहीं संपन्न हो जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1,000 प्रसंस्करण इकाइयों जिसपर सरकार 25 लाख रुपये की सब्सिडी देगी, उसे भी स्थापित करने का लक्ष्य है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा राज्यों की सहभागिता के साथ पूरा कृषि अमला एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम के लक्ष्य के तहत काम करेगा.

कम उत्पादन वाले जिलों में खास फोकस होगा

प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना पर कहा कि पूरे देश में हर क्षेत्र की उत्पादकता एक जैसी नहीं है. अलग-अलग फसलों की उत्पादकता अलग-अलग राज्यों में भी अलग है. यहां तक कि एक राज्य में जिलों की उत्पादकता भी विभिन्न है. इसलिए सरकार ने तय किया है कि कम उत्पादकता वाले जिले छांटे जाएंगे और उनमें उत्पादकता बढ़ाने के लिए कुछ विशेष प्रयत्न किए जाएंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कम उत्पादकता वाले जिलों को यदि औसत स्तर पर भी ले आएं, तो देश के कुल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. जरूरतें भी पूरी होंगी और उन जिलों के किसानों की आय भी बढ़ेगी.

उन्होंने बताया कि फिलहाल ऐसे 100 जिले चयनिय किए गए हैं जिनपर केंद्रित होकर काम किया जाएगा और प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना के तहत इन जिलों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयत्न किए जाएंगे. प्रयत्नों में सिंचाई की व्यवस्था में विस्तार, भंडारण की व्यवस्था, दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋणों की सुविधाओं में विस्तार, फसलों में विविधिकरण शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना, आकांक्षी जिलों के लिए बनाए मॉडल पर भी आधारित है। नीति आयोग डैश बोर्ड के माध्यम से निगरानी करेगा.

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Published: 11 Oct, 2025 | 06:45 AM

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