किसानों को भारी नुकसान, बाग में सड़ रहे हैं सेब.. इस वजह से मंडियों में नहीं पहुंच पा रही उपज

कुल्लू जिले के बंजार क्षेत्र में भारी बारिश और भूस्खलन से नगलाड़ी-शाची सड़क डेढ़ महीने से बंद है, जिससे सेब किसान अपनी फसल बाजार नहीं भेज पा रहे. पैक सेब सड़ रहे हैं और किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. PWD ने मरम्मत कार्य तेज करने के लिए मशीनें भेजी हैं.

Kisan India
नोएडा | Published: 28 Sep, 2025 | 12:02 PM

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के बंजार उपमंडल के कई गांवों में सेब उत्पादक किसान भारी परेशानी में हैं. भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सड़कें अभी तक बहाल नहीं हो पाई हैं, जिससे किसान अपनी फसल बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. खासकर इस इलाके की जीवनरेखा मानी जाने वाली नगलाड़ी-शाची रोड पिछले डेढ़ महीने से बंद है. इसके चलते शाची, जमला, शलवार, दुग्गागढ़ और बड़ीगाड़ गांवों में सेब की फसल बगीचों में ही फंसी हुई है. ऐसे में बाग में ही सेब सड़ रहे हैं जबकि, कुछ फसल पेड़ से गिरकर बर्बाद हो गई.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, यातायात बाधित  होने के चलते किसानों को भारी डिब्बों में पैक सेब भी खराब हो रहे हैं. ऐसे में  किसानों को आर्थिक नुकसान  उठाना पड़ रहा है. दरअसल, पहाड़ी इलाकों में कई परिवारों की आय का एकमात्र साधन सेब की खेती ही है और लंबे समय से रास्ता बंद होने के कारण उनकी आर्थिक हालत बहुत खराब हो गई है. शाची ग्राम पंचायत की प्रधान रमेश्वरी ने चिंता जताते हुए कहा कि हमारे किसानों को बहुत भारी नुकसान हुआ है. सेब की फसल या तो बर्बाद हो चुकी है या बिना परिवहन के पैक पड़ी है. अब उन्हें यह चिंता सता रही है कि आने वाले महीनों में परिवार का गुजारा कैसे होगा.

किसानों को हो रहा आर्थिक नुकसान

नुकसान को थोड़ा कम करने के लिए कुछ मजबूर किसान अपनी सेब की पेटियां  खुद या कुलियों की मदद से 16.5 किलोमीटर दूर गुशैणी तक पहुंचा रहे हैं, जिसके लिए उन्हें हर पेटी पर 100 रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है. वहां से सेब कुल्लू जैसे बाजारों में भेजे जा रहे हैं. लेकिन ये तरीका ज्यादातर किसानों के लिए लंबे समय तक मुमकिन नहीं है. गांव वालों ने राहत कार्यों की धीमी रफ्तार पर भी नाराजगी जताई है. एक स्थानीय निवासी ने कहा कि कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर ने पहले दौरा किया था और कहा था कि सेब ले जाने के लिए रोपवे लगाया जाएगा, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ.

16.4 किलोमीटर लंबी नगलाड़ी-शाची सड़क को भारी नुकसान

टूटी हुई सड़क के कारण बच्चों को भी रोज कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ रहा है. स्थानीय निवासी मूल चंद शर्मा ने कहा कि सड़क सिर्फ किसानों के लिए नहीं, बल्कि हमारे बच्चों की पढ़ाई के लिए भी जरूरी है. इस बीच लोक निर्माण विभाग (PWD) ने सड़क मरम्मत  का काम तेज करने के लिए अतिरिक्त मशीनें तैनात की हैं. बंजार के एक्सईएन (कार्यकारी अभियंता) चमन सिंह ठाकुर ने कहा कि 16.4 किलोमीटर लंबी नगलाड़ी-शाची सड़क को भारी नुकसान हुआ है, खासकर 2 से 5 किलोमीटर के बीच का हिस्सा बुरी तरह से टूटा है. उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता रास्ता खोलना है, ताकि किसान मुख्य सड़क तक पहुंच सकें और अपनी फसल बाजार भेज सकें.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%