मॉनसूनी बारिश और बाढ़ ने किसानों का भारी नुकसान कराया है. महाराष्ट्र के किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा राशि कल 22 सितंबर से जारी करने की घोषणा की गई है. राज्य के कृषि मंत्री ने कहा कि फिलहाल पीड़ित किसानों को 553 करोड़ रुपये की सहायता राशि कल से जारी होगी और उसके बाद भी मुआवजा भुगतान किसानों को किया जाएगा. बता दें कि महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के किसानों को बारिश से फसलों का भारी नुकसान हुआ है. वहीं, अन्य जिलों के किसानों की भी फसल चौपट हुई है. किसानों को सहायता राशि देने के लिए राज्य सरकार प्रभावित जिलों में नुकसान आकलन के लिए सर्वे करा रही है.
नुकसान का 100 फीसदी भुगतान पाएंगे नांदेड़ के किसान
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भारणे ने नांदेड़ जिले के अर्धपुर तालुका के पिंपलगांव में बाढ़ प्रभावित खेतों का दौरा किया और किसानों से बात की. उन्होंने कहा कि नांदेड़ समेत कई जिलों में बारिश से नुकसान हुआ है. किसानों के आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा राशि देने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा है कि नांदेड़ महाराष्ट्र का पहला ऐसा जिला बन गया है जहां भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से हुए फसल नुकसान के लिए 100 प्रतिशत मुआवज़ा दिया जा रहा है. पीटीआई से उन्होंने कहा कि 553.48 करोड़ रुपये की राहत राशि का वितरण सोमवार यानी 22 सितंबर से शुरू होगा.
गाद हटाने का खर्च भी किसानों को देने के लिए 20 करोड़ मंजूर
कृषि मंत्री ने कहा कि कटाव और गाद से प्रभावित खेतों के लिए अतिरिक्त 20.81 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. ताकि, किसान को गाद हटाने में और खेत की मिट्टी पहले जैसी उपजाऊ बनाने में होने वाले खर्च की भरपाई कराई जा सके. कृषि ने एक बयान में कहा कि फसल नुकसान से प्रभावित किसानों की लिस्ट सरकारी पोर्टल पर अपलोड की जा रही है और स्वीकृत राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी.
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कपास-सोयाबीन, केला और हल्दी फसल बर्बाद
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार नांदेड़ जिले के आंकड़ों के अनुसार 648,533 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में बाढ़ से फसलें बर्बाद हुई हैं, जिससे लगभग 7.74 लाख किसान प्रभावित हुए हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि कुल खरीफ बुवाई क्षेत्र का लगभग 86 फीसदी क्षेत्रफल लगातार बारिश से प्रभावित हुआ है. इसमें सोयाबीन, कपास, अरहर, मूंग, उड़द, ज्वार, सब्ज़ियों, हल्दी और केले की फसलों को भारी नुकसान हुआ.
अतिवृष्टीमुळे झालेल्या एकूण बाधित पीक क्षेत्राच्या प्रमाणात १०० टक्के नुकसान भरपाई मिळवणारा राज्यात नांदेड ठरला पहिला जिल्हा.!
📍नांदेड | दि. 20 सप्टेंबर 2025_(टिप-जिल्हा प्रशानाचे प्रस्ताव शासनास दाखल होतील तसे ऊर्वरित जिल्ह्यातील पीक बाधित शेतक-यांना निधी वितरित होणार)_
आज… pic.twitter.com/o9iEabscEi
— Dattatray Bharane (@bharanemamaNCP) September 20, 2025
किसानों को कितना मिलेगा मुआवजा
किसानों को मुआवजा वितरण के लिए मानक तय किए गए हैं. राज्य सरकार के अनुसार वर्षा आधारित फसलों नुकसान की भरपाई के लिए 8500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा राशि मिलेगी. इसके अलावा सिंचित फसलों के लिए 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर राहत राशि के रूप में किसानों को दिया जाएगा. वहीं, बागवानी फसलों के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवज़ा वितरण तय किया गया है.
सर्वे पूरा होते ही बाकी जिलों को भी राहत राशि देने का वादा
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों तक ज्यादा से ज्यादा सहायता राशि पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है. प्रभावित जिलों में नुकसान आकलन के लिए सर्वे कराए जा रहे हैं. इससे पहले राज्य सरकारी की ओर से पहले चरण में नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, हिंगोली, सोलापुर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में जून और जुलाई के दौरान हुई फसल क्षति के लिए 73.54 करोड़ रुपये मंज़ूर किए गए थे. अगस्त से भारी बारिश के कारण फसल नुकसान के लिए राहत उपायों के दूसरे चरण के तहत नांदेड़ के लिए मुआवजे को मंजूरी दे दी गई है और अन्य जिलों के लिए जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी.