यूपी में दोपहर 12 से 3 बजे तक जानवरों से काम कराना बैन, सरकार के सख्त निर्देश

यह नियम ऐसे समय में आए हैं जब राज्य के कई हिस्सों में तापमान 40 डिग्री से ऊपर जा रहा है और जानवरों की हालत पर असर पड़ रहा है. सरकार का कहना है कि यह फैसला जानवरों को गर्मी में थकान, हीट स्ट्रोक और क्रूरता से बचाने के लिए लिया गया है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 29 May, 2025 | 01:29 PM

उत्तर प्रदेश सरकार ने गर्मी के मौसम में जानवरों की सेहत और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक अहम कदम उठाया है. अब जब तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, तो उस समय के दौरान जानवरों से कोई भी काम नहीं लिया जा सकेगा, खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक.

यह नियम ऐसे समय में आए हैं जब राज्य के कई हिस्सों में तापमान 40 डिग्री से ऊपर जा रहा है और जानवरों की हालत पर असर पड़ रहा है. सरकार का कहना है कि यह फैसला जानवरों को गर्मी में थकान, हीट स्ट्रोक और क्रूरता से बचाने के लिए लिया गया है.

जानवरों पर वजन की भी तय की गई सीमा

सरकार ने यह भी तय कर दिया है कि बैल, भैंसे, घोड़े, ऊंट, गधे और टट्टू जैसे जानवरों से कितना अधिकतम वजन ढोया जा सकता है. अब हर जानवर की क्षमता के अनुसार वजन की सीमा तय कर दी गई है. मसलन, एक छोटा बैल या भैंसा यदि हवादार टायर वाली गाड़ी खींच रहा हो तो उस पर 1,000 किलो से ज्यादा वजन नहीं डाला जा सकता. वहीं ठोस टायर पर ये सीमा और भी कम कर दी गई है.

मंझले और बड़े जानवरों के लिए ये सीमा थोड़ी ज्यादा है, लेकिन उनके लिए भी एक निश्चित वजन तय किया गया है. घोड़ों और टट्टुओं के लिए भी ऐसा ही नियम लागू होगा. यहां तक कि अगर जानवर की पीठ पर बोझ लादा जा रहा हो, तो भी वजन का स्तर तय कर दिया गया है, जिससे जानवरों की सेहत को नुकसान न पहुंचे.

सवारी ले जाने वाले जानवरों के लिए भी बनाए गए नियम

अगर किसी जानवर-चालित गाड़ी में लोग सवारी कर रहे हैं, तो उसमें भी अब गिनती तय कर दी गई है. ऐसी गाड़ियों में अब चार से ज्यादा सवारी नहीं बैठ सकतीं. इसमें गाड़ीवान और छह साल से छोटे बच्चों को शामिल नहीं किया जाएगा.

साथ ही, किसी भी जानवर से लगातार पांच घंटे से ज्यादा या कुल मिलाकर नौ घंटे से ज्यादा काम लेना अब गैरकानूनी होगा. जानवरों को भी इंसानों की तरह आराम की जरूरत होती है, और यह नियम उसी सोच के तहत लाया गया है.

कांटेदार औजारों का इस्तेमाल पूरी तरह बैन

कुछ गाड़ीवान या मालिक ऐसे औजारों का इस्तेमाल करते हैं जो जानवरों को दर्द देते हैं, जैसे कांटेदार रस्सियां या हार्नेस. अब ऐसे औजारों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. ऐसे औजार जानवरों की त्वचा को काटते हैं और उन्हें गंभीर तकलीफ देते हैं, इसलिए इनका प्रयोग अब प्रतिबंधित होगा.

कितना वजन ढो सकते हैं जानवर?

छोटे बैल या भैंसे-

  • हवादार (pneumatic) टायर पर: 1000 किलो
  • ठोस टायर (solid tyre) पर: 750 किलो
  • बिना टायर वाली गाड़ी पर: 500 किलो

मंझले बैल या भैंसे-

  • हवादार टायर पर: 1400 किलो
  • ठोस टायर पर: 900 किलो
  • बिना टायर वाली गाड़ी पर: 700 किलो

घोड़े-

  • हवादार टायर पर: 750 किलो
  • ठोस टायर पर: 500 किलो
  • टट्टू (Pony): 400 से 600 किलो

ऊंट- तय सीमा के अनुसार वजन ढो सकते हैं

पीठ पर लादने का भी तय है वजन

  • छोटे बैल/भैंसे: 100 किलो
  • मंझले आकार के: 150 किलो
  • बड़े जानवर: 175 किलो
  • टट्टू: 70 किलो
  • ऊंट: 200 किलो
  • गधा: 150 किलो

निगरानी और जागरूकता के लिए अभियान

पशुपालन विभाग के निदेशक जयकेश कुमार पांडे ने मीडिया को बताया कि पुलिस, ट्रांसपोर्ट, स्वास्थ्य और स्थानीय निकायों को इस नियम के पालन की जिम्मेदारी दी गई है. अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, सरकार जागरूकता अभियान भी चलाएगी, ताकि लोग जानवरों की देखभाल और इन नए नियमों के बारे में समझ सकें.

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Published: 29 May, 2025 | 01:25 PM

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